बिना अध्यापक अर्धवार्षिक परीक्षा दे रहे खैरेकां स्कूल विद्यार्थी!

khairekan School

अध्यापकों की नियुक्ति को लेकर डीसी कार्यालय पहुंची गांव की महिलाएं, सौंपा ज्ञापन

  • बोली, छठीं से दसवीं तक है 242 बच्चे और पढ़ाने वाले केवल 7 शिक्षक

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। रेशनलाइजेशन और ट्रांसफर ड्राइव पॉलिसी के कारण सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। जिस कारण आए दिन जिले में कहीं ना कहीं धरना-प्रदर्शन हो रहे है। शुक्रवार को शहर के नजदीकी गांव खैरेकां की दर्जनों महिलाएं स्कूल (khairekan School) में अध्यापकों की नियुक्ति की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंची और मांगों से संबंधित एक ज्ञापन उपायुक्त पार्थ गुप्ता को सौंपा। वहीं उपायुक्त ने मामले पर संज्ञान लेते हुए हुए जल्द ही स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति कराने की बात कहीं। बाद में महिलाएं जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार बिश्नोई से भी मिली और ज्ञापन दिया।

अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान के नहीं अध्यापक

उपायुक्त कार्यालय पहुंची राजकीय उच्च विद्यालय खैरेकां की एसएमसी प्रधान पूनम, सुशीला, सुखजीत कौर, संतोष, हरजीत कौर, परमजोत, सरोज व स्नेहलता ने बताया कि स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। लेकिन स्कूल में मुख्य विषय अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान के अध्यापक ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जब बच्चों ने इन विषयों के बारे में कुछ पढ़ा ही नहीं तो वे परीक्षा में कैसे पास होंगे। महिलाओं ने बताया कि स्कूल में छठीं से दसवीं तक 242 बच्चे है। जिन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ 7 अध्यापक है। इनमें अंग्रेजी व सामाजिक विज्ञान का कोई भी अध्यापक नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्कूल में हैड मास्टर का पद भी खाली पड़ा है।

बच्चे करते है सफाई

महिलाओं ने कहा कि स्कूल में अध्यापकों के साथ-साथ सफाई कर्मचारी भी नहीं है। जिस कारण स्कूली बच्चों को स्कूल में जाकर पहले सफाई करनी पड़ती है और बाद में पढ़ाई शुरू होती है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफर ड्राइव से स्कूल के 7 अध्यापकों का तबादला हुआ है। जबकि उनकी जगह चार ही अध्यापक आए है। उन्होंने कहा कि विद्यालय से 6 पद सरप्लस कर दिए हैं। जिस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हुई तो वे स्कूल को ताला जड़ देंगे। जिसकी पूरी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की होगी।

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