किसानों को बर्बाद कर रहा मामौर झील का पानी

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  • ओवरफ्लो होकर दर्जनों किसानों के खेतों में घुसा झील का गंदा पानी
  • हजारों बीघा गेंहू व ईंख की फसल जलमग्न
  • पीड़ित किसानों ने एसडीएम को पत्र सौंपकर झील की मेड़ मजबूत कराने की लगाई गुहार

कैराना। मामौर झील निकटवर्ती किसानों के लिए बर्बादी का सबब बनी हुई है। मंगलवार रात्रि झील का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर किसानों के खेतों में घुस गया, जिससे हजारों बीघा गेंहू व ईंख की फसल जलमग्न हो गई। पीड़ित किसानों ने एसडीएम को पत्र सौंपकर झील की मजबूत मेड़बंदी कराए जाने की गुहार लगाई है।

मंगलवार रात्रि एक बार फिर मामौर झील ओवरफ्लो हो गई, जिससे झील की मेड पानी के दबाव में आकर बह गई। इससे निकटवर्ती किसानों के खेतों में झील का पानी घुस गया। रात भर झील का पानी किसानों के खेतों में घुसता रहा, जिससे करीब एक हजार बीघा गेंहू व ईंख की फसल झील के गंदे पानी से जलमग्न हो गई। मामले की सूचना किसानों ने रात्रि में प्रशासन को दे दी थी।

बुधवार प्रातः हलका लेखपाल मौके पर पहुंचा तथा पोकलेन मशीन को बुलवाकर टूटी हुई झील की मेड़बंदी कराई। मेड़बंदी होने तक किसान बासा, सतीश, नरेश, विनोद, सुरेन्द्र, सुरता, पप्पू, महमूद, मुकेश, काला, साहिल, मामचंद, बिल्लू, हमीद, ईश्वरपाल, करनैल, मानसिंह, सान्ना, रमेश, इसराइल आदि की गेंहू व ईंख की फसलों में झील का पानी भर गया था। उधर, बुधवार को रमेश, सतीश, अजय, विनोद, काला, हनीफ, रफीक, इसराइल व दयाल सिंह आदि किसान तहसील मुख्यालय पर स्थित एसडीएम शिवप्रकाश यादव के कार्यालय पर पहुंचे। किसानों ने एसडीएम को पत्र सौंपकर झील की मेड मजबूत कराने की गुहार लगाई। वही, एसडीएम ने किसानों को समस्या के स्थाई निस्तारण का आश्वासन दिया है।

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