गुरदासपुर के गांव में भीगी हर शख्स की आंखें
गुरदासपुर (सच कहूँ न्यूज)। गांव मलकपुर के सैनिक गुरप्रीत सिंह ने सोमवार को कश्मीर के सोपोर बारामूला में देश की रक्षा करते हुए अपने जीवन बलिदान कर दिया था। गुरप्रीत की पार्थिव देह बुधवार को तिरंगे में लपेटकर गांव लाई गई। इस दौरान गांव में हर शख्स की आंखें नम थी। बुधवार को भीषण गर्मी में गुरप्रीत का शव तिरंगे में लिपटा हुआ उसके गांव में सेना की गाड़ी में पहुंचा। इसके बाद गुरप्रीत की मां ने अपने बेटे की अर्थी को कंधा दिया। नायक सूबेदार उपनम के नेतृत्व में 11 गढ़वाल यूनिट तिब्बड़ी के जवानों ने बलिदानी गुरप्रीत सिंह को सलामी दी।
नायक सूबेदार गुरप्रीत की मां को तिरंगा भेंट किया गया। मां कुलविंदर कौर ने बताया कि उन्हें मंगलवार को पता चला कि उनके बेटे गुरप्रीत सिंह की डयूटी के दौरान मौत हो गई। उनका बेटा मार्च में छुट्टी बिताकर डयूटी पर गया था। वह हमेशा कहता था कि मां एक दिन तेरा लाल तेरा नाम रोशन करेगा। पति बलविंदर सिंह की मौत के बाद वह अपने दो बेटों के साथ जीवन व्यतीत कर रही हैं। गुरप्रीत दसवीं तक की शिक्षा दगार्बाद सरकारी हाई स्कूल से करने के बाद करीब आठ वर्ष पहले सेना में भर्ती हुआ था। गुरप्रीत सिंह के शव को उनके छोटे भाई मीतपाल ने मुखागिन दी। कुंवर रविंदर सिंह विक्की और अंतिम सस्कार में शामिल लोगों ने शहीद गुरप्रीत सिंह अमर रहे के नारे लगाए।
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