Umar Khalid: 2020 दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद को राहत नहीं

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सांकेतिक फोटो

सुप्रीम कोर्ट में दो हफ्ते के लिए टली सुनवाई | Umar Khalid

  • यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार करने को दी थी चुनौती

नई दिल्ली (एजेंसी)। Umar Khalid: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छात्र कार्यकर्ता उमर खालिद द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी, जिसे 2020 दिल्ली दंगे साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने मामले को दो सप्ताह की अवधि के बाद सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था और याचिका को एक अलग पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। Umar Khalid

न्यायमूर्ति ए.एस.बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने पार्टियों को बताया, ‘‘यह किसी अन्य पीठ के समक्ष आएगा। मेरे भाई (न्यायमूर्ति पी.के.मिश्रा) की ओर से कुछ कठिनाई है।’’ खालिद ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने से इनकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने पिछले साल 18 अक्टूबर को नियमित जमानत की मांग करने वाली खालिद की अपील खारिज कर दी थी। उन्होंने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उन्हें यूएपीए मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।

नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अमरावती में दिए गए उनके कथित आक्रामक भाषण दंगों के मामले में उनके खिलाफ आरोपों का आधार थे। दिल्ली पुलिस के अनुसार, जेएनयू के छात्र और कार्यकर्ता खालिद व शरजील इमाम दिल्ली दंगों 2020 से जुड़े कथित साजिश मामले में शामिल लगभग एक दर्जन लोगों में से हैं। फरवरी 2020 में राष्ट्रीय राजधानी में दंगे भड़क उठे क्योंकि सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) विरोधी और सीएए समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प ने हिंसक रूप ले लिया। इसमें 50 से अधिक लोगों की जान चली गई और 700 से अधिक घायल हो गए। Umar Khalid

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