अब गुरुग्राम में भी अनाथ बच्चों को गोद ले सकेंगे लोग

सोमवार को सेक्टर-4 ओल्ड ऐज होम में खोली जाएगी जिला की पहली विशिष्ट दत्तक एजेंसी

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् की उपाध्यक्ष करेंगी उद्घाटन

सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। गुरुग्राम में दत्तक ग्रहण एजेंसी खोलने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। इस एजेंसी के खुलने के बाद अब गुरुग्राम जिलावासियों को बच्चा गोद लेने के लिए किसी अन्य शहर में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सोमवार को हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद् की उपाध्यक्ष पारिशा शर्मा सेक्टर-4 स्थित ओल्ड ऐज होम में गुरुग्राम जिला की इस पहली दत्तक ग्रहण एजेंसी का विधिवत रूप से शुभारंभ करेंगी। लावारिस हालत में मिलने वाले बच्चों के स्वजन का पता न चलने पर व उनको गोद देने की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। जिससे कि बच्चों का लालन-पालन हो सके और नि:संतान दंपतियों को भी संतान सुख की प्राप्ति हो सके। इसके लिए एक लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें दत्तक ग्रहण एजेंसी का भी महत्वपूर्ण रोल होता है। उन्होंने कहा कि जिला में उपरोक्त एजेंसी के खुलने से जिलावासियों को अब अनाथ बच्चों को गोद लेने में काफी सहूलियत होगी। जिला के कोई भी दंपत्ति इस दत्तक ग्रहण एजेंसी से निर्धारित नियमों का पालन करते हुए बच्चों को गोद ले सकेंगे।

गोद लेने के लिए रखी हैं कुछ शर्तें

गोद लेने वाले दंपत्ति के लिए भी कुछ शर्तें रखी गई हैं। दम्पत्ति का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं आर्थिक दृष्टि से सक्षम होना जरूरी है। उनको किसी तरह की गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए। जिला बाल कल्याण अधिकारी वीरेंद्र यादव ने गोद लेने की शर्तों के बारे में बताया कि अगर संभावित अभिभावक शादीशुदा हैं तो उन दोनों की आपसी सहमति होनी जरूरी है। एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है, वहीं एक सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है।

ये कागजात होने पर ही होगी प्रक्रिया शुरू

बच्चे को गोद लेने के इच्छुक परिवार की मौजूदा तस्वीर, बच्चे को गोद लेने वाले का पेन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र या कोई ऐसा दस्तावेज जिससे उसकी जन्मतिथि प्रमाणित हो, निवास प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, पासपोर्ट, बिजली या टेलीफोन का नवीनतम बिल, उस साल के आय कर की प्रामाणिक कापी, किसी सरकारी चिकित्साधिकारी का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र दिखा सकते हैं। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि गोद लेने वाले बच्चे के अभिभावक को कोई गंभीर बीमारी नहीं है। साथ ही गोद लेने के इच्छुक दंपती को अपने-अपने मेडिकल प्रमाण पत्र जमा कराने होंगे। इसके अतिरिक्त शादी का प्रमाण पत्र यदि शादीशुदा हैं तो। व्यक्ति तलाकशुदा है तो उसका प्रमाण पत्र, गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जुड़़े दो लोगों के ब्यान आवश्यक है।

सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी है गठित

जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग के मुताबिक केंद्र सरकार ने बच्चा गोद लेने के लिए सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) गठित की हुई है। संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है। बच्चा गोद लेने के लिए कारा की वेबसाइट पर आॅनलाइन आवेदन करना होता है। कारा मुख्य रूप से बेसहारा छोड़ दिए गए बच्चों को गोद देने का काम करती है।

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