महाराष्ट्र में सियासी संकट, खतरे में उद्धव सरकार

Uddhav-Thackeray

तीन और शिवसेना विधायक गुवाहाटी में शिंदे खेमे में शामिल हुए

गुवाहाटी/मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र में गहराये राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के तीन और विधायक गुरुवार को गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में एकनाथ शिंदे के खेमे में शामिल हो गये। शिंदे खेमे का दावा है कि अभी उन्हें 37 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस खेमे की ओर से 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे नेता बने रहेंगे और इसे प्रदेश के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजा गया है।

राजनीतिक संकट के बाद, शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को पार्टी विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। हालांकि, विद्रोहियों ने संकल्प के साथ पलटवार किया है। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात अपना आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ खाली कर दिया और कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन बागी विधायकों को आना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें उन पर भरोसा नहीं है।

बागी विधायकों की संख्या 42 हुयी महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा और इस बीच चार और विधायक गुवाहाटी पहुचे हैं । रिपोर्ट के अनुसार गुलाब राव, योगेश कदम, मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल बुधवार को गुवाहाटी पहुंचे हैं। इन विधायकों के पहुंचने से शिव सेना और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर बागी विधायकों की संख्या 42 तक पहुंच गयी।

बागी विधायक ने लिखी चिट्ठी

बागी विधायक की एक चिट्ठी एकनाथ शिंदे ने जारी की है, जिसमें कई आरोप लगाए गए हैं। पत्र में यह कहा गया है कि आदित्य ठाकरे को आपने अयोध्या क्यों भेजा? बागी विधायक ने आगे कहा कि वर्षा बंगले पर सिर्फ कांग्रेस-एनसीपी का ही प्रवेश हो पाता था। हमारी परेशानियों को आपने कभी नहीं सुनी। हमें उद्धव के दफ्तर जाने का सौभाग्य नहीं मिला। हिन्दुत्व-राम मंदिर शिवसेना का मुद्दा था। हम उद्धव के सामने अपनी बातें नहीं रख पाते थे।

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