रूसी टीवी पत्रकार ने छोड़ी नौकरी, शरण की पेशकश ठुकराई

Missile Attack

मॉस्को (एजेंसी)। एक सरकारी टीवी समाचार प्रसारण के दौरान यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई का विरोध करने वाली एक पत्रकार ने नौकरी छोड़ दी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां की शरण की पेशकश को ठुकरा दिया। जर्मनी के स्पीगल इंटरनेशनल के साथ एक साक्षात्कार में चैनल वन टेलीविजन की संपादक मरीना ओव्स्यानिकोवा ने कहा, ‘मैं अपना देश नहीं छोड़ना चाहती। मैं एक देशभक्त हूँ और मेरा बेटा उससे भी बड़ा देशभक्त है। हम निश्चित रूप से ऐसा नहीं करना चाहते हैं या न ही कही प्रवास करना चाहते हैं। रूसी पत्रकार लाइव प्रसारण के सेट पर तख्तियां पकड़े हुए थी जिसपर लिखा था ‘युद्ध बंद करो, युद्ध नहीं होना चाहिए’। वह एक तख्ती पकड़े हुए थी जिसपर लिखा था,ह्लप्रचार पर विश्वास न करें। वे यहां आपसे झूठ बोल रहे हैं। रूसी युद्ध के खिलाफ हैं।

क्या है मामला:

बाद में महिला पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया और मास्को की एक अदालत ने उस पर 30,000 रूबल का जुर्माना लगाया। फ्रांस 24 के अनुसार, वह रूसी सरकारी टेलीविजन से नौकरी छोड़ रही है। दो छोटे बच्चों की मां पत्रकार ने कहा कि उसके बेटे ने सोचा कि उसने अपने विरोध के साथ उनके ‘पारिवारिक जीवन’ को ‘संकट’ में डाल दिया है। उन्होंने कहा,ह्ललेकिन मैंने उन्हें समझाया कि जीवन में आपको प्रतिक्रिया देनी होगी और ऐसे निर्णय लेने होंगे जो अक्सर बहुत कठिन होते हैं। पत्रकार ने कहा,‘सबसे ऊपर, हमें इस भ्रातृहत्या युद्ध को समाप्त करना होगा। परमाणु युद्ध जैसी किसी चीज तक पहुंचने से पहले हमें इस पागलपन को रोकना चाहिए। इसलिए मुझे लगता है कि जब मेरा बेटा थोड़ा बड़ा होगा तो वह मेरे हावभाव को समझ पाएगा।

रूस ने ल्वीव विमान मरम्मत कारखाने पर दागी मिसाइलें

रूसी मिसाइलों ने शुक्रवार सुबह ल्वीव में एक विमान मरम्मत कारखाने पर हमला किया। मेयर एंड्री सदोवी ने यह जानकारी दी। मेयर ने कहा कि कई मिसाइलों विमान मरम्मत कारखाने पर दागी गयी जो लवीव हवाई अड्डे के करीब है और मिसाइल हमलाें में कारखाना नष्ट हो गया है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “रूसी मिसाइलें विमान मरम्मत कारखाने पर दागी गयी हैं। कारखाने का संचालन पहले बंद कर दिया गया था, इसलिए इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है।”

जेलेंस्की को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किया गया नामांकित

 यूरोपीय कई मौजूदा और पूर्व राजनेताओं ने नार्वे नोबेल समिति को 2022 में नोबेल शांति पुरस्कार के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को नामित करने के अनुरोध किया है। साथ ही नामांकन प्रक्रिया को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। नेताओं ने 11 मार्च को एक बयान में कहा, “हम विनम्रतापूर्वक समिति से इस पर विचार करने का आग्रह करते हैं। राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन के लोगों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नामांकन की अनुमति देने के लिए 31 मार्च, 2022 तक नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन प्रक्रिया को बढ़ाने की व्यवस्था की जाय।” बयान के अनुसार राजनेताओं ने समिति से ‘नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 2022 नामांकन प्रक्रिया को फिर से खोलने और इस पर पुनर्विचार करने’ के लिए भी आग्रह किया। इस वर्ष नोबेल पुरस्कार की घोषणा 03 से 10 अक्टूबर के बीच होगी। वर्ष 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 251 व्यक्तियों और 92 संगठनों ने आवेदन किया है।

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