झज्जर की साध-संगत ने एक और मंदबुद्धि को अपनों से मिलाया

Sadh-sangat of Jhajjar sachkahoon

बदहाल अवस्था में ठिठुरता मिला था पवन

  • भाई को देख आँसू नहीं रोक पाई बहन

सच कहूँ/संजय भाटिया, झज्जर। मुश्किल में फंसे जरूरतमंद की मदद करना ही सच्ची इन्सानियत है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के इन पावन वचनों का झज्जर की साध-संगत अक्षरश: अनुसरण कर रही है। इसी क्रम में झज्जर ब्लॉक की साध-संगत ने एक मंदबुद्धि को उसके परिजनों को सौंप कर उनके चेहरों पर मुस्कान खिलाई।

जानकारी के अनुसार झज्जर के सेवादारों को शहर में एक मंदबुद्धि व्यक्ति बेहाल हालत में मिला। सर्दी ठिठुरते इस शख्स की दयनीय हालत को देख सेवादार उसे नाम चर्चाघर लेकर आए और उसे नहला-धुलाकर साफ गर्म कपड़े पहनाए और खानी खिलाया। सेवादारों की काफी खोजबीन के बाद मंदबुद्धि की पहचान पवन पुत्र स्व. धुपल निवासी कहाड़ी के रूप में हुई। सेवादारों ने कहाड़ी में पता किया तो उसके परिजन नहीं मिले। काफी प्रयास के बाद पता चला कि मंदबुद्धि की बहन नजदीकी गांव तलाव में रहती है। सेवादारों ने उससे संपर्क करके सारी स्थिति से उसे अवगत कराया। इसके बाद पवन की बहन झज्जर के नामचर्चा घर पहुंची और अपने भाई को देख उसकी आँखों से खुशी के आँसू झलक आए। बहन ने भाई के मिलने पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां और साध-संगत का तहेदिल से आभार व्यक्त किया।

सेवादारों ने कहा कि ये सब पूज्य गुरु जी पावन प्रेरणाओं की बदौलत ही संभव हुआ है। उन्होंने ही हमारे अंदर इन्सानियत का भाव जगाया है। पूज्य गुरूजी की प्रेरणा से ही सेवादार मानवता भलाई का कार्य कर रहे हैं। इस मौके पर हेड कांस्टेबल सुनील व एडिशनल एसएचओ माच्छरौली सुमित कुमार की निगरानी में मंदबुद्धि को उसकी बहन को सौंप दिया गया। परिवार से बिछड़े व्यक्ति को परिवार मिलवाने में सेवादार आजाद इन्सां, संतराम इन्सां, 15 मैंबर सचिन इन्सां, मा. सुरेन्द्र इन्सां, शहर भंगीदास कुनाल इन्सां, 15 मैंबर औमप्रकाश इन्सां, समित इन्सां का विशेष योगदान रहा।

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