मेरे सतगुरु साईं सृष्टि के सच्चे पालनहार हैं,
हर जीव प्राणी की स्वयं करते सेवा संभाल हैं।
सतगुरु तेरा प्रेम तेरी कशिश बड़ी अनोखी प्यारी है,
प्राणियों की तरह पक्षी परिंदे भी लगा लेते तुझ से यारी हैं ।
तेरा संग, तेरी नजदीकी, तेरी कशिश हर जीव चाहता पाना,
इसकी जीती जागती मिशाल है, हर पशु-पक्षी का भी तुझ से प्रीत लगाना।
हे दाता! तू बड़ा दयालु है कृपालु है,
तेरी छत्र छाया में बनता हर कोई श्रद्धालु है।
बृजेश कुमार इन्सां
ब्लॉक प्रेमी सेवक, रुड़की (हरिद्वार)
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