शाहाबाद :2 बच्चियां व 14 बकरियां जिंदा जली, मचा हाहाकार

Burnt Alive sachkahoon

देवीलाल बारना, कुरुक्षेत्र। शाहाबाद के गांव अरूपनगर की माया कॉलोनी में दोपहर करीब 12:15 बजे उस समय हाहाकार मच गया, जब यहां एक झुग्गी में आग लग गई। झुग्गी मे मौजूद 2 छोटी बच्चियां और 14 बकरियां जिंदा जल (Burnt Alive) गई, जबकि 4 बकरियों की हालत गंभीर है। भड़की हुई आग को देख आसपास के लोग तुरंत जमा हो गए और आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन आग फैलती गई।

देखते ही देखते झुग्गी में मौजूद सब कुछ जलकर राख हो गया। हेल्पिंग हेंड प्रधान प्रदीप कुकरेजा, आयुष कालड़ा व गौरव अरोड़ा ने फायर ब्रिगेड, पुलिस व प्रशासन को घटना की सूचना दी। फायर ब्रिगेड के आने तक हेल्पिंग हेंड के सदस्यों व मौजूद गांव वासियों ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। जब तक पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, तब तक झुग्गी में मौजूद 2 छोटी बच्चियां राधिका (7) व शारदा (3) और करीब 14 बकरियां जिन्दा जल गई।

इसके बाद फायर ब्रिगेडकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। अपनी आंखों के सामने सब कुछ जलकर (Burnt Alive) खाक होता देख दोनों बच्चियों के पिता व बकरियों के मालिक कोशी और बच्चियों की मां लक्ष्मी बिलखते रहे।

मौके पर पहुंचे शाहाबाद तहसीलदार

पौरूष पहल, शाहाबाद के थाना प्रभारी राकेश कुमार और हुडा चौंकी प्रभारी जसबीर सिंह ने दोनों लाशों और जिंदा जली बकरियों को बाहर निकलवाया। लाशों को पोस्टमार्टम के लिए कुरुक्षेत्र के एलएनजेपी हस्पताल में भेजा गया। तहसीलदार पौरूष पहल ने बताया कि अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। संभवत: झुग्गी के अंदर जल रहे चूल्हे से यह आग लगी है। पुलिस व प्रशासन की टीमें मामले की बारीकी से जांच कर रही हैं।

करीब 2.5 साल पहले बिहार से गांव अरूपनगर में आया था परिवार

पिता कोशी ने बताया कि उनका बड़ा भाई करीब 5 साल से इस गांव का वासी है और बड़े भाई के कहने पर ही वह करीब 2.5 साल पहले बिहार के सिरसमा जिले से शाहाबाद के अरूप नगर में परिवार के साथ रहने के लिए आया था। कोशी ने बताया कि उसके परिवार में उसके इलावा पत्नी लक्ष्मी, 7 साल की बेटी राधिका, 6 साल का बेटा सन्नी, 3 साल की बेटी शारदा और एक साल का पुत्र शुभम झुग्गी में रहते थे। रोजाना की तरह ही आज भी वह अपने तीनो बड़े बच्चों को झुग्गी में अकेला छोड़ कर और एक साल के पुत्र शुभम को साथ लेकर नजदीक रेलवे गोदाम में दिहाड़ी मजदूरी करने के लिए निकले थे। पीछे से झुग्गी में आग लग गई और सब कुछ जल कर राख हो गया।

Burnt Alive sachkahoonआग लगते ही सन्नी बाहर भाग गया

झुग्गी में आग लगने से पहले राधिका, सन्नी व शारदा झुग्गी में सो रहे थे। आग लगने से 6 साल के सन्नी की नींद खुल गई और वह अकेला वहां से भागकर बाहर आ गया, जबकि दोनों बहने राधिका और शारदा झुग्गी में ही फंसी रह गई और आग उनको निगल गई।

बकरियों के तीनों भाई है मालिक

कोशी ने बताया कि सभी बकरियों के हम तीन भाई मालिक है, जिनका दूध बेचने से हमे अतिरिक्त आमदनी हो जाती थी। सभी बकरियां उसकी झुग्गी के साथ लगती एक झुग्गी में ही बंधी हुई थी। जब उसकी झुग्गी में आग लगी, तभी साथ लगती झुग्गी में भी आग लग गई और झुग्गी में मौजूद 18 बकरियों में से 14 बकरियां जिन्दा जल गई, जबकि 4 और बकरियों को फायर ब्रिगेड के आने के बाद जिंदा बचा लिया गया है और उनका इलाज भी शुरू कर दिया गया है, मगर उन सभी बकरियों की हालत भी बेहद नाजुक है।

बकरियों के मेमने है सकुशल

हादसे वाली जगह पर मौजूद कोशी के दोनों भाइयों ने बताया कि इन सभी बकरियों के करीब 8 मेमने (बकरियों के बच्चे) भी हैं, जो अलग से बंधे हुए थे, वह सभी सकुशल है।

चूल्हे के कारण लगी हो सकती है आग

झौंपड़ी में लगी आग के कारण ढूंढे जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि झौंपड़ी के अंदर चूल्हा जल रहा था और इसी चूल्हे में लगी आग का कोई पतंगा झौंपड़ी में आग लगने का कारण बना। हालांकि आग को शार्ट-सर्किट से भी जोड़कर देखा जा रहा है। फिलहाल पुलिस छानबीन कर रही है। सही कारण पुलिस की छानबीन के बाद ही सामने आएगा ।

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