‘यथास्थिति बनाए रखे स्पीकर’

'Speaker maintaining status quo'

कर्नाटक संकट पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

  •  सीजेआई बोले- सुप्रीम कोर्ट को चुनौती दे रहे स्पीकर

  •  कुमारस्वामी का विधानसभा में ऐलान- मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार

  •  भाजपा विधायकों को 3 होटलों में करेगी शिफ्ट

  •  बागी विधायक पहुंचे मुम्बई

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)।  उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में 10 विधायकों के इस्तीफों के मामले में मंगलवार को अगली सुनवाई होने तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में कुछ बड़े मुद्दे उठे हैं और वह इसपर मंगलवार को आगे सुनवाई कर निर्णय देगी।

न्यायालय ने कहा कि अगली सुनवाई तक इस मामले में यथास्थिति बनाए रखी जाय। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की कि क्या स्पीकर सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दे रहे हैं? सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने बागी विधायकों का तो अभिषेक मनु सिंघवी ने स्पीकर का पक्ष रखा। राजीव धवन ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की तरफ से दलीलें रखीं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने शुक्रवार को स्पीकर से बहुमत साबित करने के लिए वक्त मांगा है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि राज्य में जैसी स्थिति है, उसे देखते हुए उन्हें बहुमत साबित करने के लिए समय दिया जाए।

  • 11 बागी विधायकों की गैर मौजूदगी में विधानसभा सत्र शुरू

कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से उपजे संकट के बीच विधानसभा का 10 दिवसीय मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ जिसमें 11 बागी विधायक अनुपस्थित रहे जबकि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘इंतजार करो और देखो’ की नीति के तहत इसमें भाग लिया।

दरअसल उच्चतम न्यायालय की ओर से 11 बागी विधायकों (जिनमें कांग्रेस के आठ और जद(एस) के तीन विधायक शामिल हैं) के विधान सभा की सदस्यता से इस्तीफे के बारे में निर्णय सुनाने के अध्यक्ष को दिए गए आदेश के बाद अदालत के अगले कदम पर भाजपा की नजर टिकी है। इस संबंध में अध्यक्ष के निर्णय और इसके बाद अदालत के आदेश पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

 

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