प्रभु-प्राप्ति में अंत:करण की शुद्धता जरूरी
सरसा (सकब)। मालिक को खुश करने के लिए अंत:करण की भावना होनी चाहिए। अगर इन्सान का अंदर शुद्ध है तो बाहरी दिखावे की जरूरत नहीं होती। मालिक के प्रति तड़प, लग्न, व्याकुलता जब लग जाती है तो वो पल में दर्श-दीदार दे दिया करते हैं।
जरूरतमंदों की मदद कर मना रहे अवतार माह, नागपुर में 8 परिवारों को राशन वितरित
नागपुर (महाराष्ट्र)। मानव...
Sangaria News: रूढ़ीवादी परंपराओं को पीछे छोड़ अंगदान का संकल्प लेकर मनाया जन्मदिन
निंदी सोनी इन्सां युवाओं ...
कोरोना से जंग में मददगार बन रहे चंडीगढ़ के सेवादार
ऐसे परिवारों को डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत महीने भर का राशन पहुंचा रही है। इस मौके पर स्थानीय जिम्मेवारों ने बताया कि साध-संगत इस मुश्किल घड़ी में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए दीन-दुखियों की मदद में जुटी है।


























