आशीर्वाद’ से दूर हुई मां-बाप की चिंता, बेटी के हाथों पर सजी मेहंदी

शाह सतनाम जी नगर की सुजान बहनों ने शादी में मदद कर पेश की मिसाल

सरसा विजय शर्मा। समाज सुधारक व इंसानियत की शिक्षा देने वाले डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा समाजहित की दिशा में 135 मानवता भलाई कार्य शुरू किए गए हैं। इन मानवता भलाई कार्यों में से एक है ‘आशीर्वाद’। ये मुहिम पूज्य गुरु जी उन जरूरतमंद परिवारों के लिए शुरू की, जिनके मां-बाप आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपनी बेटियों की शादी नहीं करवा पाते या जिन बेटियों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया हो। ‘आशीर्वाद’ के तहत डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपनी नेक कमाई से पैसे एकत्रित कर अब तक न जाने कितनी बेटियों की शादी कर उनका घर बसा चुके हैं।

घरेलू जरूरत का सामान व आर्थिक सहायता करवाई मुहैया

आज इसी कड़ी में एक बार फिर जिला सरसा के शाह सतनाम जी नगर की सेवादार बहनों ने चतरगढ़ पट्टी क्षेत्र में रहने वाले जरूरतमंद परिवार मदन लाल व कृष्णा की बेटी सीमा की शादी में सहयोग कर जरूरत का सामान व नकदी भेंट की। डेरा श्रद्धालुओं की इस मद्द को पाकर जहां माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे, वहीं समाज के गणमान्य लोग भी डेरा श्रद्धालुओं का धन्यवाद जता रहे थे।

माता-पिता करते हैं मजदूरी, परिवार में हैं तीन बेटियां

शाह सतनाम जी नगर की सुजान बहन व शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग की सदस्या आशा इन्सां, वंदना इन्सां, अंजना इन्सां, रंजू इन्सां ने बताया कि उन्हें जब उक्त परिवार के बारे पता चला तो वह परिवार से मिलने पहुंचे। कच्चा मकान, तीन बेटियों व तीन बेटों की परवरिश का बोझ और बड़ी बेटी सीमा की शादी की चिंता मां-बाप को पल-पल सता रही थी। परिवार की हालत देख सुजान बहनों ने तुरंत मद्द करने का बीड़ा उठाया। सेवादार बहनों ने शादी में डबल बैड, चांदी की पायल, बर्तन, दीवार घड़ी, डबल बैड की चादर, गद्दे, रजाईयां, 21 जोड़े सूट, छोटे बच्चों के 5 सूट, सहित अन्य घरेलू जरूरत का सामान व नकद राशि देकर बेटी को आशीर्वाद दिया। आश इन्सां ने बताया कि बेटी की शादी में मद्द के रूप में शाह सतनाम जी नगर की बहनों का विशेष सहयोग रहा जिसमें अनिता इन्सां, आशा इन्सां, शबनम इन्सां, कुलविंद्र इन्सां, सविता सहित अन्य बहनों के नाम शामिल हैं।

आपको भगवान की सेवा करनी है, उसकी खुशियों को पाना है तो आर्थिक रूप से कमजोर, लाचार, अनाथ, जिनका कोई नहीं उनकी नि:स्वार्थ सेवा करें। जो लोग मालिक की सृष्टि का भला करते हैं, मालिक की औलाद का भला करते हैं, मालिक उन्हें अंदर-बाहर कोई कमी नहीं आने देते। किसी को भी दु:ख दर्द तकलीफ में तड़फता देखकर उसमें शामिल होना और उसे दूर करना ही सच्ची इंसानियत है। इसलिए हमेशा इंसानियत को बुलंद रखों। वो लोग भागों वाले होते हैं जो मालिक की औलाद की सेवा करते हैं और उनके मां-बाप भी भाग्यशाली होते हैं, जिनके बच्चे सेवा करते हैं।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम
सिंह जी इन्सां।

 

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