नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने बिहार के तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक राज किशोर केसरी की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रही एक महिला कैदी को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बुधवार को उसे 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता रूपम पाठक की 15 दिनों की पैरोल की अर्जी स्वीकार करते हुए उसे उस अवधि के बाद आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। पाठक बिहार के पूर्णिया के तत्कालीन भाजपा विधायक केसरी की 2011 में हुई हत्या के जुर्म उम्रकैद की सजा जेल में काट रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने सुनवाई के दौरान याचिका का विरोध नहीं किया।
क्या है मामला
राजू ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर हमने सत्यापित करवा लिया है कि उसकी बेटी की शादी होनी है। इस मामले में पैरोल की इजाजत दी जा सकती है। आमतौर पर इस प्रकार की याचिकाओं का विरोध करने वाली सीबीआई द्वारा इस मामले में अलग रुख अपनाने पर मुख्य न्यायाधीश ने रमना कहा, ‘ओह! मिस्टर राजू, आपने (सीबीआई) पहली बार विचार किया है। एक निजी स्कूल की शिक्षिका रही पाठक ने बेटी के कथित यौन शोषण करने के मामले में चार जनवरी 2011 को विधायक केसरी की चाकू घोंपकर कर हत्या कर दी थी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।