प्रदूषित जल की रोकथाम व पुनर्उपयोग के तरीकों पर गहन मंथन

Intensive churn on the prevention and use of polluted water

 कमेटी ने पानी की गुणवत्ता जांचने का तरीका बदलने की दी हिदायत

  •  पंजाब से राजस्थान की नहरों में आ रहे प्रदूषित पानी का मामला

हनुमानगढ़। पंजाब से राजस्थान की नहरों में आ रहे प्रदूषित पानी के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली की ओर से गठित कमेटी ने बुधवार को चंडीगढ़ स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों की बैठक लेकर सतलुज व ब्यास नदियों में प्रदूषित पानी का प्रवाह रोकने और इस पानी के नदियों में गिरने से पहले उन्हें इस्तेमाल के तरीकों पर गहन मंथन किया। यह पानी सतलुज व ब्यास नदियों में गिरने के बाद इंदिरा गांधी नहर के जरिए राजस्थान आ रहा है।

चंडीगढ़ में करीब 3 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में एनजीटी की ओर से गठित कमेटी के अध्यक्ष पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रीतम पाल की अध्यक्षता में कमेटी के सदस्यों ने पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए गत बैठक में लिए गए निर्णय की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में कमेटी की ओर से 24 अप्रेल को हुई बैठक में लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई। गत बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कमेटी ने नदियों में पानी की गुणवत्ता के प्रभावी पर्यवेक्षण की समीक्षा की।

कमेटी ने पानी की गुणवत्ता जांचने का तरीका बदलने की भी हिदायत दी। कमेटी सदस्यों सुबोध अग्रवाल, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव बाबूराम, जन आंदोलन के प्रणेता संत बलबीर सिंह सीचेवाल, जेसी बाबू और मुकुल सोनी ने कमेटी की ओर से 1 मई को जारी दिशा-निर्देशों की पालना के बारे में अधिकारियों से लिखित में जवाब लिया।

  • एनजीटी की ओर से गठित कमेटी ने ली उच्चाधिकारियों की बैठक

कमेटी ने हिदायत दी थी कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल नदियों में प्रदूषण फैलाने वाले नगर निकायों एवं उद्योगों पर कानूनी एक्शन लेने में जरा भी ढिलाई न बरते। कमेटी ने देखा था कि जालंधर से निकलने वारे काला संघिया और लुधियाना से निकलने वाला बुड्ढा नाला में फैक्ट्रियों का अपशिष्ट बिना शोधन किए ही डाला जा रहा है। कमेटी अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रीतम पाल ने इस बात पर भी चिंता जताई कि जल शोधन की मशीनरी लगातार काम नहीं कर रही है और बुड्ढा नाला व काला संघिया में शोधन के बगैर ही फैक्ट्रियों के अपशिष्ट डाले जा रहे हैं।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल व अन्य संबंधित विभाग इन सभी पर तुरंत सख्त कार्रवाई करें। पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, आवास व शहरी विकास विभाग, जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जल संसाधन विभाग, नगर निगम लुधियाना व जालंधर सहित पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मंडल की जवाबदेही भी बैठक में तय की गई। पंजाब के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रमुख शासन सचिव आरके वर्मा ने एसटीपी, सीटीपी व सीईटीपी के सही काम न करने पर भी कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों को बैठक में कड़ी फटकार लगाई। बैठक में अधिकारियों ने कमेटी को बताया कि लुधियाना के बहादुरके रोड व फोकल प्वाइंट पर सीईटीपी 30 जून तक पूरी तरह काम करने लग जाएंगे।

कमेटी ने अधिकारियों को सभी जगह स्थापित किए जाने वाले और वर्तमान में चल रहे एसटीपी सीटीपी व सीईटीपी के कनेक्शन व उनकी पूरी संरचना का मैप कमेटी के सम्मुख प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

 

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