‘ए मेरे वतन के लोगों’ संगीत सुनकर जब पंडित जवाहर लाल नेहरू की आंखों में आ गए थे आंसू

Lata Mangeshkar

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वर्ष 1949 में फिल्म महल के गाने आयेगा आने वाला के बाद लता बालीवुड में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गयी। इसके बाद राजकपूर की बरसात के गाने जिया बेकरार है, हवा में उड़ता जाये जैसे गीत गाने के बाद लता बालीवुड में एक सफल पार्श्वगायिका के रूप में स्थापित हो गयी। सी. रामचंद्र के संगीत निर्देशन में लता ने प्रदीप के लिखे गीत पर एक कार्यक्रम के दौरान एक गैर फिल्मी गीत ए मेरे वतन के लोगों गाया। इस गीत को सुनकर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू इतने प्रभावित हुये कि उनकी आंखो मे आंसू आ गये। लता के गाये इस गीत से आज भी लोगो की आंखें नम हो जाती हैं।

लता की आवाज से नौशाद का संगीत सज उठता था। संगीतकार नौशाद लता के आवाज के इस कदर दीवाने थे कि वह अपनी हर फिल्म में लता को ही लिया करते थे। वर्ष 1960 मे प्रदर्शित फिल्म मुगले आजम के गीत मोहे पनघट पे की रिकॉर्डिंग के दौरान नौशाद ने लता से कहा था मैंने यह गीत केवल तुम्हारे लिये ही बनाया है, इस गीत को कोई और नहीं गा सकता है।

लता मंगेशकर के सम्मान में दो दिन का राजकीय शोक

केन्द्र सरकार ने स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर उनके सम्मान में देश भर में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनका अंतिम संस्कार भी राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा। गृह मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि लता मंगेशकर के सम्मान में रविवार और सोमवार को देश भर में राजकीय शोक रहेगा और इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज भी आधा झुका रहेगा। इसके अलावा इस अवधि में आधिकारिक स्तर पर किसी भी तरह के मंनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जायेगा। मंत्रालय ने कहा है कि स्वर साम्राज्ञी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा। स्वर साम्राज्ञी एवं भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार सुबह आठ बजकर 12 मिनट पर यहां ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थी।

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