जब पिछली बार टॉपर को 4 लाख मिले तो मुझे क्यों नहीं ?

Why last time when the topper gets 4 million last time?

विडम्बना। पिता रायसिंह हैं चिनाई मिस्त्री, पढ़ाई का खर्च उठा पाना मुश्किल

  • सच कहूँ से विशेष बातचीत में झलका 12वीं के टॉपर दीपक का दर्द

सच कहूँ, देवीलाल बारना  कुरुक्षेत्र। 12वीं कक्षा में 500 में से 497 लेकर पूरे हरियाणा में टॉप करने वाले भिवानी जिले के गांव पुर निवासी दीपक को हरियाणा सरकार से आर्थिक सहायता न मिलने पर मलाल है। दीपक को इस बात का दु:ख है कि जब 2018 में टॉप करने वाले विद्यार्थी को शिक्षा मंत्री द्वारा 4 लाख रूपए आर्थिक सहायता मिल सकती है तो उसे क्यों नही मिल सकती। बता दें कि गांव पुर निवासी दीपक प्रजापति समाज से संबंध रखता है। मंगलवार को गुरु दक्ष प्रजापति जयंती के उपलक्ष्य में कुम्हार धर्मशाला में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। प्रजापति समाज की ओर से प्रथम स्थान पर रहने वाले दीपक को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को दीपक ने दु:खी मन से कहा कि जिस वक्त उसका रिजल्ट आया था तो आपका फोन मेरे पास आया था। दैनिक सच कहूँ से विशेष बातचीत में दीपक ने दु:ख जाहिर करते हुए कहा कि जब 2018 के टॉपर को शिक्षा मंत्री द्वारा 4 लाख रूपए आर्थिक सहायता दी जा सकती है तो उसे क्यों नहीं? दीपक ने बताया कि वह बहुत ही तंग हालात में पढ़ाई कर रहा है। दीपक ने बताया कि उसका पिता रायसिंह चिनाई मिस्त्री का कार्य करते हैं। उसकी पांच बहने हैं, जिनमें से दो की शादी हो चुकी है। ऐसे में दीपक के पिता दीपक की पढ़ाई पर पूरा खर्च कर पाने सक्षम नहीं हैं।

  • ऐसे विद्यालय में कि पढ़ाई जहां शिक्षक ही नहीं थे

दीपक ने बताया कि उसने 10वीं की पढाई गांव पुर के विद्यालय से की। 12वीं का गांव में स्कूल न होने के चलते बवानी खेडा के सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। किस हालात में दीपक ने अपनी पढ़ाई की इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विद्यालय में मैथ का शिक्षक ही नही था। कैमिस्ट्री का शिक्षक परीक्षा से एक सप्ताह पहले स्कूल में आए व फिजिक्स के शिक्षक परीक्षा से मात्र एक माह पहले स्कूल में आए। लेकिन शिक्षक का होना या न होना दीपक के लिए कोई मायने नही रखता था, दीपक ने पूरी पढ़ाई स्वयं की।

  • आईएएस बनना है सपना : दीपक

दीपक ने कहा कि उसका सपना है कि वह आईएएस बन कर समाज की सेवा करे। इसके लिए उसने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सैंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला लिया है। इस कॉलेज में उसका गे्रजुएशन का खर्च लगभग 6 से 7 लाख रूपए है।

 

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