साध-संगत जी पूज्य गुरु जी का आया 17वां शाही पत्र, जल्दी देखें

Saint Ram Rahim Letter
Saint Ram Rahim Letter साध-संगत जी पूज्य गुरु जी का आया 17वां शाही पत्र, जल्दी देखें

Saint Ram Rahim Letter:

हमारे प्यारे बच्चो, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादार व सेवादारो, आप सबको ‘‘महापरोपकार भंडारे’’ 33वें की बहुत-बहुत बधाई व बहुत-2 आशिर्वाद। ”धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा” ”अखण्ड सुमिरन” व सप्ताह में ”दो नामचर्चा” जरूर करा करें।

 हमारे करोड़ों प्यारे बच्चो, आज आपको हम इस ”भण्डारे” की शुरूआत की कुछ बातें बताने जा रहे हैं। 22.9.90 की वो रूहानी, नूरानी शाम, जब मेरे ”कुल मालिक” ”सतगुरु जी”, ”शाह सतनाम जी दाता” ने हमें ”नूरानी गुफा” में अपने रू ब रू बिठाया। सबसे पहले ‘‘दाता जी” ने वचन फरमाए ’’आप (दास को) ठीक हो। सारा परिवार ठीक है?’’ दास ने कहा ‘‘सतगुरु जी’’ आपकी कृपा है। फिर ”दाता” जी ने बापू जी को फरमाया ’’आपने कुछ कहिना है?” बापू जी हाथ जोड़ कर कहिने लगे ‘’पिता जी, मेरा सब कुछ तो ‘ये’ (दास) ही हैं ‘ये’ अब आपके हो गए तो आप हमारा घर, जमीन जायदाद सब ले लो जी और डेरे में एक कमरा दे दो जी। हम भी यहीं रहकर सुबह शाम आपके व इनके दर्शन करते रहेंगे। यह सारी बातें सुनकर ‘दाता जी’ बहुत खुश हुए व वैराग्य में आकर वचन फरमाए ‘‘बेटा (बापू जी को) तेरा सबसे कीमती व इकलौता खज़ाना तो हमने आप से ले ही लिया है और कुछ नहीं चाहिए। आप इन छोटे-2 बच्चों की संभाल करना। हां आप जब भी हमें (अपनी व दास की तरफ इशारा करके) बुलाओगे या याद करोगे तो हम आपके पास आ जाया करेंगे।” फिर ‘‘दाता जी’’ ने दास को अपने पास बैठा कर आशिर्वाद देते हुए फरमाया कि आज से ही हम इन्हें दोनों जहाँ का रूहानी खजाना देकर इन्हें रूहानियत से मालामाल करते हैं। आज से ‘ये’ ही सारा ‘रूहानियत’ का कार्य किया करेंगे।” यह कर ‘‘दाता जी’’ ने दास के सिर पर अपना ”कर कमल” रखा व कन्धा थपथपाया। दास यह सब सुन व देख कर वैराग्य में आ गया। फिर दास ने ”दाता जी” से अर्ज की कि दास तो अभी बहुत छोटा है इसलिए ‘आप जी’ साथ रह कर साथ बैठ कर सारे कार्य करवाएं जी। ”दाता” जी ने खुश होकर फरमाया ‘‘हम तेरे साथ बैठ कर सब कार्य करवाएंगे’’ फिक्र ना कर आपां ही सब काम करेंगे। फिर 23-9-90 को ‘‘दाता जी’’ ने साध-संगत के सामने ‘‘नूरानी कर कमलों से दास के गले में हार डाला व प्रसाद खिलाते समय वचन किए ‘‘ अबसे तू नहीं तेरे में ‘‘हम’’ काम करेंगे। हम थे हम हैं व हम ही रहेंगे।’’ यह वचन ‘‘दाता जी’’ ने कई बार सेवादारो व साध-संगत को किए व यह भी वचन किए ‘‘इस Body (दास) में हम कम से कम 50-60 साल रूहानियत का कार्य करेंगे।’’ तो हमारे करोड़ो प्यारे बच्चो हम आपके M.S.G. गुरू आपको वचन देते हैं कि ‘‘हम सतगुरु राम से खुशीयों, समुन्द्र, आपकी सबसे बड़ी ”मांग” व एकता की बात (आपके विच आके पूरी करे) ’’ पूरी करवाएंगे। राम जी जल्द ही पूरी करेंगे। आशिर्वाद

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आपका MSG  गुरू
दासन दास,
गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां
22.09.2023

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की सभी चिट्ठी एक साथ