70 साल बाद मई में इतनी ठंडी हुई दिल्ली

बारिश का 35 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा

नई दिल्ली (एजेंसी)। चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ धीरे-धीरे कमजोर होता जा रहा है। लेकिन उत्तर भारत पर इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार और बुधवार और वीरवार को लगातार बारिश का दौर चल रहा है। इस बरसात ने सन् मई महीने में सन् 1976 के 70 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। बारिश के चलते कई स्थानों पर पानी भर गया, जिससे लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि रिकॉर्ड बारिश के चलते दिल्ली का पारा नीचे गिरकर 23.8 डिग्री पर पहुंच गया। जो कि सामान्य से करीब 16 डिग्री कम है।

बता दें कि वर्ष 1951 के बाद पहली बार मई में इतना कम तापमान देखने को मिला है। वहीं दिल्ली में वीरवार को भी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। दिल्ली के स्थानीय मौसम पूर्वानुमान सेंटर ने संभावना जताई है कि दिल्ली और आसपास के कई इलाकों में वीरवार को हल्की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में मई महीने में एक दिन में बारिश का 35 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान दिल्ली के सफदरजंग में 118.9 मिमी. और पालम में 57.6 मिमी. बरसात दर्ज की गई। इससे पूर्व 24 मई 1976 को चौबीस घंटे में 60 मिमी. बरसात दर्ज की गई थी।

पानी-पानी हुई सड़कें

ताऊते तूफान और पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश के कारण दिल्ली में सड़कें पानी-पानी हो गर्इं। निरंतर बारिश के चलते कई निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि गर्मी से झुलस रहे लोगों ने राहत भी महसूस की है। बारिश की रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के प्रगति मैदान की सड़क पूरी तरह डूब गई। वहीं जिन क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है, उनके हालात तो और भी बद से बदतर नजर आए।

केदारनाथ में बारिश और भारी बर्फबारी

ताउते का असर सिर्फ गुजरात, कर्नाटक, गोवा, महाराष्टÑ में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान तक व्यापक तौर पर देखने को मिला है। उत्तराखंड के केदारनाथ धाम सहित पूरे रुद्रप्रयाग जनपद में दो दिन से भारी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं केदारनाथ की चोटियों पर बर्फबारी भी लगातार जारी है। केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों को एहतियातन रोक दिया गया है।

 

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