“अजी ! वो सच्चा सौदा कहलाया है”

MSG Bhandara
MSG Bhandara: रूहानी स्थापना दिवस का भंडारा 29 को (छाया: सुशील कुमार)

अजी! वो सच्चा सौदा कहलाया है
ईर्ष्या नफरत की आग में,
इंसानियत जल रही थी,
बुराई के पथ पर वो,
आज चल रही थी,
बचाने उन्हें इस आग से,
रूहानियत का बीज लगाया है,
अजी! वो सच्चा-सौदा कहलाया है।

शाह-मस्ताना जी रूहों का,
उद्धार करने आये,
स्वागत में उनके,
हर शै ने मंगल गीत गाए,
खुद सादगी से रहकर,
गरीबों को नोटों का हार पहनाया है,
अजी वो सच्चा सौदा कहलाया है।

उपवास रख संगत यहां,
भूखों को खाना खिलाती है,
जरूरतमंदों को वस्त्र,
उपलब्ध करवाती है,
रक्तदान कर उनकी जिंदगी बचाती है,
नाम देकर मस्ताना शाह ने,
रूहों को आजाद करवाया है,
अजी! वो सच्चा सौदा कहलाया है।

खंड-ब्रह्मण्ड में उसी का नाम है,
सबकी सुनने वाला ये,
वही खुदा-राम है,
नशे छुड़ाकर करोड़ों के,
उन्हें रब्ब से मिलाया है,
अजी वो सच्चा सौदा कहलाया है।

msg

29 अप्रैल 1948 को,
इसका बीज बोया था,
इस दिन काल,
आंखें मल-मल रोया था,
नाम जपाकर उसका,
साम्राज्य हिलाया है,
अजी वो सच्चा सौदा कहलाया है।

msg

अंधों को रौशनी भी।
यहां नसीब होती है,
सच्चे दिल से करे जो बंदगी,
उनके लिए हीरे-मोती है,
जिनके टूटे मकान उनके लिए,
आशियाने की छत्र-छाया है,
अजी! वो सच्चा सौदा कहलाया है।

msg

जो दुखी आते इस दर पर,
वो मुस्कराकर जाते हैं,
धन्य-धन्य कर अपने मुर्शिद को,
जिनके वो बलिहारे जाते हैं,
हम थे, हम हैं, हम ही रहेंगे,
दुनिया को ये राज बतलाया है,
अजी वो सच्चा सौदा कहलाया है।।
                                                                                          -कुलदीप स्वतंत्र

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।