रामदेव और डॉक्टरों के बीच आयुर्वेद और ऐलापैथी की जंग में कूदे विज

Anil-Vij

उपचार की भिन्न-भिन्न पद्धतियां बनें एक-दूसरे की सहयोगी, न कि विरोधी : स्वास्थ्य मंत्री

सच कहूँ/अनिल कक्कड़, चंडीगढ़। देश कोरोना की दूसरी लहर की भयंकर त्रासदी झेल रहा है, लेकिन इसी बीच योगाचार्य रामेदव और देश के ऐलापैथी डॉक्टरों के बीच आयुर्वेद और ऐलोपैथी का लेकर जंग छिड़ गई है। रामेदव की ऐलोपैथी विरोधी टिप्पणियों से माहौल गर्म है और डॉक्टरों की संस्था इंडियन मैडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने रामदेव को 1 हजार करोड़ का मानहानि नोटिस भेज दिया है। इसी बीच प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी पैथियों को एक-दूसरे का सहयोग करने की नसीहत दी है। विज ने ट्वीट करते हुए कहा कि उपचार की भिन्न-भिन्न पद्धतियों को एक-दूसरे की विरोधी पद्धति न बनकर एक-दूसरे की सहयोगी पद्धति बनना चाहिए।

बंद हो ऐलोपैथी और आयुर्वेद पर बहस

विज ने कहा कि कहा कि आयुर्वेद और एलोपैथी को लेकर ये जो बहस छिड़ी हुई है, ये बंद होनी चाहिए। विज ने कहा कि सभी पैथियां अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विश्व भर में और हमारे देश में कई प्रकार की पैथियां हैं। हमारे यहां पर एलोपैथी, आयुर्वेद, सिद्धा, होम्योपैथी, नैचुरापैथी सहित कई प्रकार की पैथियां है। अनिल विज ने कहा कि ये विरोधी पैथियां न होकर एक दूसरे की सहयोगी पैथियां हैं। जहां एलोपैथी से इलाज हो सकता है, वहां एलोपैथी से, जहां आयुर्वेद से होता है वहां आयुर्वेद से या अन्य पैथी से ईलाज होता है। सभी का महत्व है, इसलिए इस प्रकार का विवाद खत्म होना चाहिए।

कोरोना से निपटने की दवा किसी भी पैथी में नहीं

विज ने कहा कि ठीक-ठीक ढंग से कोरोना की दवा किसी भी पैथी में अभी तक नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि सब सिम्टोमेटिक दवाईयां दे रहे हैं, चाहे वो एलोपैथी हो या आयुर्वेद। कोई भी ये दावा नहीं कर सकता कि कोरोना की ये दवाई है। विज ने कहा कि ढूंढ रहे हैं, उस व्यक्ति को जो ये बता सके कि कोरोना की सटीक दवाई कौन सी है।

विज ने प्रदेश में कोरोनिल बांटने का किया बचाव

सरकार द्वारा एक लाख कोरोनिल दवाईयों का ऑर्डर करने के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो हमारे आयुष के डॉक्टर हैं, जो आयुर्वेदा देखते हैं, उन्हें भरोसा है कि इससे मरीजों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में आयुष की डिपेंसरियां खुली हैं और बहुत से लोग आयुर्वेदिक दवाईयों पर भरोसा करते हैं।

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