शतावरी है भारत की सबसे महंगी सब्जी, स्वाद होने के साथ कई बीमारियों से करती है बचाव

  • करीब 1500 रुपये किलो के भाव बिकती है यह सब्जी

  • इस सब्जी की पैदावार करके किसान हो सकते हैं मालामाल

गुरुग्राम। (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा) आप जानना चाहेंगे कि भारत में सबसे महंगी फसल कौन सी है? तो हम आपको बता दें कि शतावरी सबसे महंगी बिकने वाली औषधीय फसल है। ये भारत में सबसे महंगी फसल मानी जाती है। शतावरी एक झाड़ीदार पौधा होता है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रोगों से शरीर की रक्षा में रामवाण का काम करते हैं। इसकी कीमत की बात करें तो यह 1200 रुपए प्रति किलो से लेकर इससे भी ज्यादा महंगी हो सकती है।

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हमारे देश में अक्सर किसान सब्जियों के अच्छे भाव नहीं मिलने के कारण घाटे में रहते हैं। कई बार तो वे सब्जियों को सड़कों पर फेंककर अपना विरोध भी जाहिर करते हैं। सस्ती सब्जियों से तो किसान घाटे में आ जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसी सब्जियां भी हमारे देश में उगाई जाती हैं, जिन्हें बेचकर किसान मालामाल हो रहे हैं। ये सब्जियां स्वाद के साथ कई बीमारियों से भी बचाती हैं। आईये हम जानते हैं कौन-कौन सी ऐसी सब्जियां हैं, जिन्होंने किसानों को करोड़पति बना दिया है।

सबसे पहले हम बात करते हैं शतावरी की खेती की। शतावरी खेती का बाजार भाव करीब 1500 रुपये है। इसे अपनी खाने की थाली का हिस्सा बनाने वाले व्यक्ति यानी शतावरी सब्जी खाने वाले व्यक्ति के कई प्रकार के रोग भी इससे कट जाते हैं। यानी शतावरी सिर्फ सब्जी ही नहीं है, बल्कि यह एक प्राकृतिक दवा भी है। हमारे देश में इस सब्जी को अपनी थाली की शोभा बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है। शतावरी की कीमत की बात करें तो यह भारत की सबसे महंगी सब्जी है। इसकी कीमत करीब 1500 रुपये प्रति किलो है। विदेशों में भी इस सब्जी की मांग रहती है। इसलिए यहां शतावरी को उगाने वाले किसान करोड़पति बन चुके हैं।

विदेशी सब्जी बोक चॉय की भी होने लगी है खेती

शतावरी के साथ अब भारत में बोक चॉय सब्जी भी प्रचलित होती जा रही है। विदेशी होकर भी यह सब्जी देसी लोगों का जायका बनी है। इसकी खेती अब हमारे यहां के किसानों ने शुरू कर दी है। इसकी कीमत की बात करें तो बाजार में एक तना करीब सवा सौ रुपये में बिकता है।

250 से लेकर 350 प्रति किलो चेरी टमाटर

एक सीजन आता है जब हमारे यहां सब्जियों के भाव चढ़ते हैं। इनमें टमाटर भी शामिल है। जो 100 रुपये से भी अधिक दामों में बेचा जाता है। यानी टमाटर भावों के हिसाब से और लाल हो जाता है। आपको बता दें कि टमाटरों की किस्म में चेरी भी एक किस्म है। यह भी बहुत महंगा बिकता है। आम तौर पर चेरी टमाटर की कीमत 250-350 रुपये प्रति किलो रहती है। यह स्वाद में भी खास होने के साथ गुणकारी होता है। इससे हमें विटामिन-सी, ए, ई और पोटाशियम मिलता है। इस टमाटर की खेती सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में की गई थी। इसके बाद यह यूरोपीय और इजराइल आदि देशों में पहुंचा। 20वीं सदी में ब्रिटिश किराना श्रृंखला माक्र्स एंड स्पेंसर्स द्वारा इसका व्यावसायीकरण किया गया। आज इस टमाटर को आप कहीं से भी आसानी से खरीद सकते हैं। चेरी टमाटर स्ट्रोक की रोकथाम करने के साथ प्रोस्टेट कैंसर को रोकता है। हड्डियों के लिए लाभदायक है। पोषण की बात करें तो चेरी टमाटर लाइकोपिन से भरपूर होते हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

हॉप शूट्स है दुनिया की सबसे महंगी सब्जी

आप यह जानकार हैरान हो जाएंगी एक सब्जी ऐसी भी है, जो कि दुनिया की सबसे महंगी सब्जी है। हॉप शूट्स नामक इस सब्जी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1000 यूरो यानी भारतीय मुद्रा में करीब 82 हजार रुपये प्रति किलो है। बिहार के औरंगाबाद के करमडीह गांव के एक किसान ने इस सब्जी की खेती शुरू की। किसान अमरेश सिंह ने काशी (बनारस) स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों की देखरेख में इस खेती की शुरुआत की है। अगर यहां सफलता मिल जाती है तो यह खेती भारत में भी किसानों की किस्मत बदलने का साधन बन जाएगी। हॉप शूट्स की खेती की शुरुआत जर्मनी में हुई थी। अभी यूरोप के कई देशों में इसकी खेती की जाती है। इस सब्जी की यूरोप के देशों में भारी डिमांड है। ब्रिटेन, आयरलैंड, स्कॉटलैंड, जर्मनी आदि यूरोपीय देशों के लोगों की यह पसंदीदा सब्जी है। इस सब्जी में कई तरह के एंटीबायॉटिक पाए जाते हैं।

वनीला की कीमत 42 हजार रुपये प्रति किलो

वनीला भी एक खेती है, जिसकी कीमत भारत में चांदी की कीमत के लगभग बराबर यानी करीब 42 हजार रुपये प्रति किलो है। वनीला का प्रयोग आईसक्रीम में फ्लेवर के लिए किया जाता है। ब्रिटेन के बाजार में इसकी कीमत 600 डॉलर प्रति किलो यानी भारतीय मुद्रा में यह 42 हजार रुपये है। ब्रिटेन की एक कंपनी हर सप्ताह पांच टन आईसक्रीम बनाती है। उनके 40 फ्लेवर्स हैं। उनमें से एक तिहाई फ्लेवर्स में किसी न किसी तरह से वनीला का उपयोग होता ही है। जितनी महंगी यह फसल बिकती है, उसे उगाना बहुत मुश्किल है। वनीला से इसका अर्क निकाला जाता है। इसलिए केसर के बाद यह दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल है। भारत में भी इसकी खेती होती है। भारतीय मसाला बोर्ड की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरी दुनिया में जितनी भी आइस्क्रीम बनती हंै, उसमें से 40 प्रतिशत वनीला फ्लेवर की होती हैं। वनीला की मांग भारत की तुलना में विदेशों में ज्यादा है।

कभी घाटे में नहीं हो सकता वनीला उत्पादक

अगर आप खेती में ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं तो वनीला आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। आप वनीला की खेती करके मोटी कमाई कर सकते हैं। वनीला की कई देशों में खूब मांग है। दुनिया का 75 प्रतिशत वनीला मैडागास्कर में ही पैदा होता है। भारत में इसकी कीमतों में उछाल होता रहता है। वनीला की पैदा करने वाले को कभी घाटा नहीं हो सकता। वनीला की खेती करने के लिए वातावरण का खास ध्यान देना पड़ता है। वनीला की फसल को ह्यूमिडिटी, छाया और मध्यम तापमान की जरूरत होती है। इसके लिए शेड हाउस बनाकर फव्वारा विधि से इसके अनुरूप वातावरण तैयार किया जा सकता है। 25 से 35 सेंटीग्रेट तक का तापमान वनीला के पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि पेड़ों से छनकर आने वाली रोशनी वनीला की फसल के लिए ज्यादा अच्छी मानी जाती है।

कृषि विशेषज्ञ भी देते हैं कुछ नया करने की सलाह

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख रहे प्रो. राम ङ्क्षसह के मुताबिक बीते कुछ वर्षों में हमारे देश की खेती-किसानी में कई बदलाव भी आए हैं। कई जगह पर हर मौसम के अनुकूल सब्जियों तो कई जगह पर फूलों की खेती को बढ़ावा मिला है। हम बात करें सिर्फ सब्जियों की खेती की हो यहां किसानों ने इसे अपनाकर अपनी किस्मत बदल ली है। नई खेती की तरफ किसानों का रुझाव उन्हें मालामाल बना रहा है। कृषि विशेषज्ञों की भी किसानों को यही राय है कि वे ऐसी सब्जियों का उत्पादन करें, जो उन्हें अत्यधिक लाभ दें। सामान्य खेती प्रक्रिया से हटकर वे ऐसा करते हैं तो खेती ही उन्हें मालामाल कर सकती है।

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