ऑस्ट्रेलिया के अखबार का दावा-चीन का जैविक हथियार है कोरोना?

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नई दिल्ली (एजेंसी)। पूरी दुनियां में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। भारत समेत कई देशों में कोरोना से रोज मौते हो रही है। कोरोना संक्रमण थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश भी कोरोना की मार से बच नहीं पाए है। इस बीच ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने कोरोना को लेकर खुलासा किया है, जिसने सभी देशों को चौका दिया है। ब्रिटेन के ‘द सन’ न्यूजपेपर ने ऑस्ट्रेलिया के समाचार पत्र ‘द ऑस्ट्रेलियन’ के हवाले से कहा है कि अमेरिकी विदेश विभाग को हाथ लगे इस ‘बॉम्बशेल’ यानी कि विस्फोटक जानकारी के अनुसार चीनी सेना पीएलए के कमांडर ये कुटिल पूर्वानुमान लगा रहे थे।

अमेरिकी विदेश विभाग को प्राप्त हुए दस्तावेजों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। अमेरिकी अधिकारियों को मिले दस्तावेज कथित तौर पर वर्ष 2015 में उन सैन्य वैज्ञानिकों और वरिष्ठ चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा लिखे गए थे जोकि कोविड-19 की उत्पत्ति के संबंध में जांच कर रहे थे। दस्तावेजों में इस बात का भी उल्लेख है कि चीन में वर्ष 2003 में फैला सार्स एक मानव-निर्मित जैव हथियार हो सकता है, जिसे आंतकियों ने जानबूझकर फैलाया हो।

जानें खुलासे में ऐसा क्या

  • चीनी वैज्ञानिकों ने सार्स कोरोना वायरस का ‘जैविक हथियार के नए युग’ के तौर पर उल्लेख किया था, कोविड जिसका एक उदाहरण है।
  • पीएलए के दस्तावेजों में दर्शाया गया कि जैव हथियार हमले से दुश्मन के चिकित्सा तंत्र को ध्वस्त किया जा सकता है।
  • दस्तावेजों में अमेरिकी वायुसेना के कर्नल माइकल जे के कार्यों का भी जिक्र किया गया है, जिन्होंने इस बात की आशंका जताई थी कि तीसरा विश्व युद्ध जैविक हथियारों से लड़ा जा सकता है।
  • इन दस्तावेजों ने कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में चीन की पारदर्शिता को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

                                                                                       –जेम्स पेटरसन, आस्ट्रेलियाई राजनेता

 

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