लोंगोवाल। (सच कहूँ/हरपाल) क्षेत्र की जानी-मानी संस्था सलाईट लोंगोवाल के खाद्य अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक प्रो. सेलैदर जैन और डीन (अकादमिक) प्रो. जेएस ढिल्लों के नेतृत्व और मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय बाजरा (Millets) वर्ष (मोटा अनाज) मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मोटे अनाज के महत्व के बारे में छात्रों और लोगों में जागरुकता पैदा करना था।
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इस अवसर पर बोलते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विकास नंदा ने कहा कि इस मोटे अनाज की अचानक वैश्विक लोकप्रियता का पता मार्च 2021 से लगाया जा सकता है, जब संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा ने अपने 75वें सत्र में 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया था। (आईवाईएम 2023) की घोषणा की। मिलट सदियों से हमारे आहार का एक अभिन्न अंग रहा है। स्वास्थ्य लाभों की भीड़ के अलावा, मिलट कम पानी और इनपुट आवश्यकताओं के साथ पर्यावरण के अनुकूल भी हैं।
जागरुकता बढ़ाने और मिलट के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के उद्देश्य से, संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की 2023 भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर मिलट के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रुप में सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. सीएस रायड और डॉ. नवदीप जिंदल थे। (Longowal) कार्यक्रम का नेतृत्व छात्रों रोहन कुमार, धनंजय कुमार सिंह, मानसी रावत, सौविक गिरी और कुमारी सविता कश्यप की टीम ने प्रभावी ढंग से किया। छात्रों ने महसूस किया कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों में शैक्षणिक क्षमता और उद्यमशीलता कौशल विकसित करने में बहुत सहायक होते हैं।
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