मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी के हो सकते हैं लक्षण
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एक लाख लोगों में से 28-30 लोगों में पाई जाती है बीमारी
फरीदाबाद (सच कहूँ न्यूज)। शरीर में कमजोरी या सुन्नता महसूस हो रहा है या देखने की क्षमता में कमी आ रही है। कोई भी चीज दो-दो दिख रही हैं। पूरे शरीर में झुनझुनाहट जैसा मजसूस हो रही हो, तो आप मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। नीलम चौक स्थित एस्कोर्ट फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग डायरेक्टर डॉ. रोहित गुप्ता के मुताबिक मल्टिपल स्क्लेरोसिस बीमारी एक लाख लोगों में करीब 28 लोगों में पाई जाती है। अब यह संख्या काफी बढ़ रही है। 18 वर्ष के बाद युवा इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। खासकर महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी को लेकर लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऑटोइम्यून डिजीज है। यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम यानी मस्तिष्क को प्रभावित करता है। शरीर एक विशेष क्रियाविधि के द्वारा अपनी ही कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। इस प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरूप तंत्रिकाओं के ऊपर जो विशिष्ट रक्षात्मक सतह होती है। वह धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का अब तक कोई इलाज नहीं है।
किसी व्यक्ति को यदि आंखों से दो-दो दिखाई दे, जोड़ों में समस्या, लकवा या शरीर के किसी हिस्से में अचानक झुनझुनी हो, यदि विकार स्पाइनल कॉर्ड यानी मेरुरज्जू में हो तो दोनों पैरों में लकवा, पेशाब में कठिनाई होना जैसी समस्याएं आना सामान्य है। लक्षण को पहचान कर अगर मरीज का समय इलाज शुरू किया जाए तो वह सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में तीन गुना ज्यादा होती है। वहीं 20 से 50 वर्ष के लोगों में बीमारी की संभावना ज्यादा रहती हैं।
उन्होंने बताया कि वे हर महीने 4-5 मरीज इस बीमारी के देख रहे हैं। यह बीमारी मस्तिष्क और रीढ की हड्डी (केंद्रीय तंत्र) की एक संभावित बीमारी है। लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है। ऐसा नहीं है, कुछ दवाइयों और इंजेक्शन की मदद से इसका इलाज पूरी तरह से संभव है। लेकिन इसमें थोड़ा समय लगता है।
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