करता है सेवा सतगुरू का प्यारा….

Sadh Sangat Village Nuhiyanwali sachkahoon

सेवा में बढ़-चढ़कर भाग ले रही साध-संगत

  • दिव्यांगता पर भारी जसपाल का सेवा का जज्बा

सच कहूँ/राजू, ओढां। गांव नुहियांवाली में स्थित साध बेला धाम आश्रम में चल रहे निर्माण कार्य में साध-संगत तन्मयता से सेवा में लगी हुई है। साध-संगत द्वारा आश्रम की चारदीवारी के अलावा स्नानघरों व शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। इस कार्य में सेवादारों का जज्बा देखते ही बनता है। सेवादार इलाही नारे के साथ सेवा कार्य में जुटते हैंं और देर सांय नारे के साथ ही कार्य का समापन करते हैं। 45 मैंबर बहन रूपा इन्सां व शीला इन्सां ने बताया कि ब्लॉक की साध-संगत सेवा कार्य में बढ़-चढ़कर योगदान निभा रही है। उन्होंने बताया कि आश्रम की चारदीवारी जर्जर होकर गिरने के बाद उसे नया रूप दे दिया गया है। इसके अलावा बहनों व भाईयों की सुविधा के लिए अलग-अलग स्नान घर व शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कार्य अंतिम चरण में है जिसे शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेवा उच्च भागों वाले सेवादारों के ही हिस्से में आती है। जिसके चलते आश्रम में भाईयों के साथ-साथ बहनें भी सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि इस सेवा कार्य में साध-संगत के अलावा ब्लॉक कमेटी के सेवादार भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।

 Sadh Sangat Village Nuhiyanwali sachkahoon

दिव्यांगता पर भारी सेवा का जज्बा

इस सेवा कार्य में भाग ले रहे गांव मलिकपुरा निवासी जसपाल इन्सां का जज्बा देखते ही बनता है। जसपाल के दोनों हाथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी वह एक सामान्य व्यक्ति जितनी सेवा कर रहा है। पूछे जाने पर जसपाल ने कहा कि उसे 2 बातों को लेकर गर्व है। एक तो ये कि वह डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है और दूसरा ये कि डेरे की सेवा उसके हिस्से में आ रही है। उसने बताया कि उसे सेवा के लिए किसी ने कोई बाध्य नहीं कर रखा बल्कि वह स्वेच्छा से पिछले करीब 4 सप्ताह से लगातार यहां सेवा में आ रहा है। जसपाल के दोनों हाथ कोहनी तक कटे होने के बावजूद भी वह कस्सी से कार्य करने के अलावा रोजमर्रा के लगभग सभी कार्य ही नहीं करता अपितु पेंटिंग भी कर लेता है। जसपाल की इस कला पर सभी लोग उसकी प्रशंसा किए बगैर नहीं रहते। जसपाल ने कहा कि ये सब पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की रहमत से ही संभव हो रहा है। वर्ष 2004 में बिजली का करंट लगने के कारण जसपाल अपने दोनों हाथ गंवा बैठा। जसपाल की वर्कशॉप है, जहां वह अपने पिता के साथ कार्य में पूरा हाथ बंटाता है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।