चंडीगढ़। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में बनाई गई कमेटी में पंजाब के उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए इस कमेटी का नये सिरे से गठन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल की मांग की है। उन्होंने इसके लिए पत्र लिखा है। पीएम नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में मान ने कहा कि समिति में पंजाब को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
भगवंत मान ने कहा कि हरित क्रांति में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस भूमिका के लिए पंजाब के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। केंद्रीय पूल में अनाज के योगदान में भी पंजाब की भूमिका सर्वविदित है। मान ने कहा कि एमएसपी की लड़ाई में पंजाब के किसानों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसलिए समिति में पंजाब को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पत्र में लिखा कि हाल ही केंद्र सरकार ने सेवानिवृत्त आइएएस अफसर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एमएसपी कमेटी बनाई है। संजय अग्रवाल केंद्र सरकार में कृषि एवं परिवार कल्याण सचिव रह चुके हैं। संजय अग्रवाल के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी में देश के विभन्न राज्यों के कई विशेषज्ञों व वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। मान ने इस बात पर दुख जताया कि पंजाब जैसे प्रमुख कृषि प्रधान राज्य को इस समिति में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। मान ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस राज्य में एमएसपी है।
कहा, एमएसपी समिति में पंजाब को मिले उचित प्रतिनिधित्व
जिसने इस प्रणाली को अपनी स्थापना के बाद से सबसे सफलतापूर्वक लागू किया है, उसे समिति से बाहर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि पंजाब ने पिछले एक दशक से केंद्रीय पूल में 35-40 प्रतिशत गेहूं और 25-30 प्रतिशत चावल का योगदान देकर देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत सब्सिडी के आधार पर हर साल राज्य के किसानों द्वारा उत्पादित लगभग 60-62 मिलियन टन गेहूं और चावल देश के 80 करोड़ लोगों को वितरित किया जाता है। भगवंत मान ने कहा कि सभी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि गरीबों के लिए शुरू की गई सरकारों की कल्याणकारी योजनाएं पंजाब के भारी योगदान के कारण ही संभव हो पाई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021-22 के दौरान वैश्विक स्तर पर 54 मिलियन टन चावल का निर्यात किया गया, जिसमें भारत का योगदान 21.5 मिलियन टन (कुल निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत) था। उन्होंने कहा कि हालांकि पंजाबियों के आहार में चावल आमतौर पर शामिल नहीं है, लेकिन पंजाब चावल के निर्यात में एक बड़ा योगदान दे रहा है। भगवंत मान ने कहा कि हरित क्रांति लाने और देश को खाद्यान्न सरप्लस बनाने में पंजाब की मुख्य भूमिका को ध्यान में रखते हुए एमएसपी समिति में राज्य को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।
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