पति की अंतिम इच्छा को पत्नी ने किया पूरा

Body Donation
Body Donation: शरीरदानी को अंतिम विदाई देती साध-संगत व शरीरदानी का फाइल फोटो।

मेडिकल शोध के लिए किया शरीरदान : गांव गदराना के दूसरे शरीरदानी बने रत्नलाल इन्सां

  • बड़ी संख्या में साध-संगत व गणमान्य लोगों ने पहुंचकर दी अंतिम विदाई

ओढां/सरसा (सच कहूँ/राजू)। Body Donation: अस्वस्थ चलने की स्थिति में रत्नलाल ने अपनी पत्नी के समक्ष ये इच्छा जताई थी कि अगर भविष्य में मुझे कुछ होता है तो मेरे मृत शरीर को जलाने की बजाय किसी की परवाह किए बगैर इंसानियत हित में दान कर देना। ताकि मेडिकल के छात्रों को शोध शिक्षा में मदद मिले। अपने पति की इसी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए पत्नी ने मजबूत हृदय से अपने पति की मृत देह को मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान किया। इस कार्य पर लोगों ने उक्त महिला की सराहना करते हुए कहा कि वास्तव में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी सच्चे समाजसेवक हैं।

सरसा जिले में ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब के गांव गदराना निवासी करीब 43 वर्षीय रत्नलाल इन्सां (सुनील) पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उन्होंने सोमवार सायं अंतिम सांस ली। रत्नलाल इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान करने का संकल्प लिया हुआ था। इसी के चलते मंगलवार को उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु रामा मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (उत्तर प्रदेश) को दान कर दी गई। Body Donation

सचखंडवासी रत्नलाल इन्सां को अंतिम विदाई देने के लिए गणमान्य लोगों के अलावा ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब व रोड़ी सहित विभिन्न ब्लॉकों से बड़ी संख्या में साध-संगत, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर विंग के सदस्य व 85 मैंबर कमेटी के सदस्य पहुंचे। उनकी पार्थिव देह को इलाही नारों के साथ गांव के एमएसजी डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द्र सतनामपुर धाम से अंतिम विदाई दी गई। शरीरदानी रत्न लाल इन्सां गांव गदराना के दूसरे शरीरदानी के रूप में हमेशा स्मरणीय रहेंगे।

सचखंडवासी रत्न लाल इन्सां ने पूज्य गुरु जी से नाम शब्द लेने के बाद अनेकों लोगों को डेरा सच्चा सौदा से जुड़ने में मदद की। वे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर विंग के सदस्य व एमएसजी आइटी विंग में 15 मैंबर के रूप में सेवा करते थे। साध-संगत के साथ मिलकर सेवा करना, लोगों का नशा छुड़वाकर उन्हें राम-नाम से जोड़ना, र्इंट भट्ठों व झुग्गी झोपड़ियों में जा-जाकर लोगों को वस्त्र बांटना, बेसहारा घूम रहे चोटिल गौवंश की देखरेख कर उनके लिए चारे-पानी का प्रबंध करना सहित अन्य सेवा कार्यों को वे बढ़-चढ़कर गति देते थे। गांव गदराना के प्रेमी सेवक कुलविंदर इन्सां ने बताया कि रत्न लाल इन्सां दृढ़ विश्वासी एवं दूसरों की दु:ख-तकलीफ में काम आने वाला समर्पित भाव से परिपूर्ण इंसान था। Body Donation

उसकी कमी गांव को ही नहीं बल्कि पूरे ब्लॉक में हमेशा महसूस होगी। रत्नलाल इन्सां ब्लॉकेज होने के चलते पिछले करीब 6 माह से उपचाराधीन थे। उनकी डेरा सच्चा सौदा में अटूट एवं दृढ़ आस्था इस कदर थी कि अस्वस्थ होने के बावजूद भी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते और लोगों को राम-नाम से जुड़ने एवं नशा व बुराइयां त्यागने हेतु प्रेरित करते रहे थे। रत्न लाल इन्सां ने पूज्य गुरु जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए अमर सेवा मुहिम के तहत शरीरदान करने का प्रतिज्ञा पत्र भरा हुआ था। उन्होंने अपनी पत्नी कंचन को कई बार अवगत भी करवाया कि उसकी मृत देह को मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान करना है। रत्न लाल इन्सां अपने पीछे 2 लड़के व एक लड़की छोड़ गए।

रत्नलाल इन्सां को हमेशा समाजसेवा में ही भाग लेते देखा गया। बेहद सरल एवं शांत स्वभाव का कर्मठ सेवादार इस कदर अल्प आयु में ही चला गया ये सुनकर यकीन नहीं हुआ। उनके परिजनों ने शरीरदान का यह महान कार्य कर समाज में एक बहुत बड़ा प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस कार्य के लिए मैं रत्न लाल के परिजनों की उच्च सोच व दृढ़ विश्वास की सराहना करती हूँ। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जो समाज के लिए करते हैं वो और कोई नहीं कर सकता।
                                                                                             – समरपाल कौर गिल, ग्राम सरपंच।

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