मरणोपरांत शरीरदान कर अमर हो गई ब्लाक चंडीगढ़ की सुषमा इन्सां

चंडीगढ़ (एम के शायना) । जीते जी रक्तदान तो मरणोंपरांत नेत्रदान व देहदान कर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी समाज में मानवता की अनुकरणीय मिसाल पेश कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम ब्लॉक चंडीगढ़ के गांव तोगा में डेरा प्रेमी भंगीदास शीशपाल इन्सां की 51 वर्षीय पत्नी श्रीमती सुषमा इन्सां का मरणोपरांत शरीर दान में जुड़ गया। पिछले कुछ दिनों से खराब स्वास्थ के चलते सुषमा इन्सां जी अपनी संवांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में जा बिराजी।

उनके पति शीशपाल इन्सां ने बताया की उनकी पत्नी ने अपने जीते जी मरणोपरांत शरीरदान का फार्म भरा था। इसलिए उनकी अंतिम इच्छा को पूर्ण करते तथा पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे 142 मानवता भलाई के कार्यों में से 13वें कार्य अमर सेवा (चिक्तिसा व शोध कार्यों के लिए मरणोंपरांत शरीरदान) के तहत उनका शरीर मैडिकल शोध के लिए के डी मैडिकल कॉलेज हासपिटल एंड रिसर्च सेंटर मथूरा (उत्तर प्रदेश) को दान कर दिया।

इस मौके पर बेटा बेटी एक समान मुहिम को सार्थक करते हुए उनकी पुत्री नैना इन्सां ने अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर समाज में व्याप्त बेटा बेटी के भेदभाव को समाप्त करने का संदेश दिया। वहीं चंडीगढ़ ब्लाक भंगीदास मलराज इन्सां ने बताया कि बहन सुषमा इन्सां जी ने अपने पूरे परिवार को पूज्य गुरूजी की प्रेरणानुसार इंन्सानित की राह में लगाया तथा अपने परिवार को मानवता भलाई के हर कार्य में अग्रणी रखा।

उनकी अंतिम यात्रा के समय भंगीदास ने परिजनों व साध संगत के साथ विनती भजन बोलकर व बहन सुषमा इन्सां अमर रहे के नारे लागाकर पूरे सम्मान के साथ गांव तोगा के बाहर तक उन्हें विदा किया गया। इस अवसर पर उनके पति शीशपाल इन्सां, पुत्र लक्की, संजीव और बेटी नैना , बाकी परिजन, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफैयर फोर्स विंग व अन्य सभी समितियों के सदस्य, गांव वासियों तथा साध साध-संगत ने उन्हें सल्यूट कर चिक्तिसा शोध हेतू विदा किया।

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