नहीं बढ़ेगी स्टांप ड्यूटी, फसल नुकसान पर मिलेगा 15 हजार रुपए मुआवजा

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कैबिनेट मीटिंग सम्पन्न, अनेक फैसलों पर लगी मोहर

  • कृषि मंत्री और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने फैसलों संबंधी दी जानकारी

चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट मीटिंग हुई। इसके बाद कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने फैसलों बारे जानकारी दी। मंत्री धालीवाल ने कहा कि किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रुपए मुआवजा देने पर कैबिनेट की मोहर लगी है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की फसल का 33 प्रतिशत से 75 प्रतिशत नुकसान हुआ है, उन्हें 6800 रुपए मुआवजा राशि दी जाएगी। पटवारी द्वारा गांव की संयुक्त जगह पर गिरदावरी की जाएगी। इसमें पहले और वर्तमान नुकसान को भी शामिल किया जाएगा।

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मंत्री धालीवाल ने कहा कि जिन मकानों को तेज बारिश के कारण मामूली नुकसान हुआ है, उन्हें 5200 रुपए रिपेयर के लिए दिए जाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर जिन लोगों का पूरा मकान ढह गया है, सरकार उन्हें 1.20 लाख रुपए की मदद देगी। ​​​​मंत्री धालीवाल ने कहा कि गेहूं की फसल में तबदीली लाने के लिए सरकार ने बासमती की फसल को तरजीह देने का फैसला लिया है। बासमती की अधिक से अधिक पैदावार बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। साथ हर नरमे के लिए भी रकबा बढ़ाया जाएगा। साथ ही किसानों को पीएयू द्वारा मान्यता प्राप्त नरमे के बीज पर 33 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने सबसे अह्म फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आज पंजाब में जो कोई भी नकली दवाइयां बनाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर जेल में डाला जाएगा। किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा यदि नकली दवाई बनाई गई तो कंपनी की पंजाब में एंट्री बंद कर उसे सील किया जाएगा। पंजाब के को-आॅपरेटिव बैंकों के लोन ही छमाही किश्त की छूट दी गई है। अगली फसल ठीक होने के दौरान किश्त ली जाएगी। मंत्री धालीवाल ने बताया कि मुआवजा राशि केवल गेहूं पर नहीं, बल्कि हर फसल
की गिरदावरी के अनुसार आर्थिक मदद की जाएगी।

30 अप्रैल तक वर्तमान रेट पर होगी रजिस्ट्री

कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि कृषि पानी के बिना संभव नहीं है, लेकिन पंजाब का भूजल स्तर हर साल करीब सवा मीटर नीचे जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में साल 1857 का बना कनाल एंड ड्रेनेज एक्ट है। इस कारण किसानों को नहरी पानी की व्यवस्था के लिए करीब 240 दिन का समय लग जाता है। मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अब इस पुराने एक्ट में संशोधन किया गया है। इस एक्ट के संशोधन से किसान को नहरी पानी की आवश्यकता की अर्जी देने के करीब एक-डेढ़ महीने में उसके खेत में पानी का बंदोबस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अंडरग्राउंड/ट्यूबवेल के पानी से नहरी पानी की आसान उपलब्धता पर लाया जाएगा।

मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि बीते समय जमीन की रजिस्ट्री के लिए एक महीने की एक्सटेंशन दी गई थी, पंजाब के लोगों ने काफी फायदा लिया। सरकार का 3950 करोड़ का टारगेट था। बीती 30 मार्च तक 4100 करोड़ से अधिक रेवेन्यू, स्टांप ड्यूटी इकट्ठी हुई है। लोगों की इस सुविधा और लाभ के मद्देनजर पंजाब सरकार ने इस योजना को अतिरिक्त एक महीने के लिए बढ़ाने का फैसला लिया है। अब लोग 30 अप्रैल तक वर्तमान रेट के अनुसार ही रजिस्ट्री करवा सकेंगे।

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