नवजोत सिद्धू ने भट्ठल-लाल सिंह के पैर तो छुए, अमरेन्द्र सिंह को देखा तक नहीं

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सुर्खियों में रहा नवजोत सिद्धू व चार कार्यकारी प्रधानों का ताजपोशी कार्यक्रम: नवजोत सिद्धू और अमरेन्द्र सिंह के हाव-भाव पर टिकी रही सभी की निगाहें

  • कैप्टन अमरेन्द्र सिंह बोले: सिद्धू के पिता मुझे राजनीति में लाए थे

चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नए प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को औपचारिक तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल ली। चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में आयोजित समारोह में सिद्धू के अलावा चारों कार्यकारी प्रधानों कुलजीत नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी, संगत सिंह और पवन गोयल की भी ताजपोशी की गई। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन उनके और सिद्धू बीच दूरियां साफ नजर आईं। नवजोत सिंह सिद्धू के हाव-भाव पूरी तरह से अजीब दिखाई दिए। जब कैप्टन मंच से भाषण दे रहे थे और अपने सरकार की अचीवमेंट बता रहे थे तो नवजोत सिंह सिद्धू अपने हाथों पर थूक मलते हुए नजर आए और इस दौरान उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को इग्नोर करके अपने बगल में बैठे सुनील जाखड़ से बात करनी शुरू कर दी।

इस मौके पर उस वक्त स्थिति बड़ी अजीबो-गरीब बन गई जब नवजोत सिद्धू भाषण देने के लिए कुर्सी से उठे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, पूर्व अध्यक्ष लाल सिंह और पार्टी मामलों के प्रभारी हरीश रावत के पांव छूकर तो आशीर्वाद लिया लेकिन मंच पर ही मौजूद कैप्टन अमरिंदर सिंह को पूरी तरह अनदेखा कर दिया। सिद्धू के साथ ही नवनियुक्त चारों कार्यकारी अध्यक्षों- कुलजीत सिंह नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी, संगत सिंह गिलजियां और पवन गर्ग ने भी पदभार संभाल लिया। इस मौके पर कैप्टन ने सिद्धू और चारों कार्यकारी अध्यक्षों को बधाई दी।

सिद्धू ने भाषण में उठाए वे सभी मसले, जिन पर थी रार

जब नवजोत सिंह सिद्धू भाषण देने के लिए खड़े हुए तो भगवान को याद किया, क्रिकेट शॉट मारने का एक्शन किया। अपने दाईं ओर बैठे कैप्टन और हरीश रावत को इग्नोर करते हुए आगे बढ़े और पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भट्ठल और लाल सिंह के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद वे भाषण देने खड़े हुए। सिद्धू ने सबसे पहले अपने ओहदे को लेकर बीते कई महीनों तक चले विवाद का ही जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह धारणा गलत है कि उनके लिए प्रधान पद कोई मसला है। उन्होंने कहा कि ओहदे तो मैंने वैसे ही छोड़ दिए, कैबिनेट भी ऐसे ही छोड़ दी। सिद्धू ने आगे कहा कि यदि उन्होंने पंजाब के मसले हल नहीं करवाए तो यह प्रधानी उनके किसी काम की नहीं होगी।

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने भाषण में उन सभी मसलों का जिक्र किया, जिन्हें वे लंबे समय से ट्वीटों के जरिए कैप्टन पर सवाल के रूप में दागते रहे थे। उन्होंने कहा कि मसला प्रधानी का नहीं, किसानी का है, मसला ईटीटी टीचरों का है जो सड़कों पर हैं। डाक्टरों व नर्सों का है जो हड़ताल पर हैं, मसला ड्राइवर-कंडक्टरों का है, जो धरने पर बैठे हैं। इसके अलावा मसला मेरे गुरु का है और चिट्टे के व्यापारी बड़े मगरमच्छों का है, जिन्हें अभी तक अंदर नहीं किया गया है।

2022 चुनाव कैप्टन की अगुवाई ही लड़ेंगे: रावत

पंजाब मामलों के प्रभारी हरीष रावत ने कहा कि कांग्रेस परंपराओं को आगे ले जाने वाली पार्टी है और पार्टी की परंपरा है, सबको साथ लेकर चलना। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सिद्धू अपनी जिम्मेदारी बढ़िया ढंग से निभाएंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब का शेर बताते हुए रावत ने कहा कि शेर कभी बूढ़ा नहीं होता और हमेशा शेर ही रहता है। उन्होंने यह भी दोहराया कि पंजाब में 2022 के चुनाव कैप्टन की अगुवाई में ही लड़े जाएंगे।

हाईकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे पर करूंगा काम

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने भाषण में कहा कि 15 अगस्त से ही कांग्रेस भवन में बिस्तर लगाएंगे और प्रत्येक मंत्री को भी अपील करेंगे कि कम से कम तीन घंटे कांग्रेस भवन में रहते हुए आम लोगों के काम करें। यहां सिद्धू ने कहा कि पंजाब में इस वक्त अध्यापक सड़कों पर हैं तो डॉक्टरों से लेकर नर्सें भी हड़ताल कर रही हैं। बस चालक धरने दे रहे हैं। साला-जीजा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, नशो के बड़े तस्कर सरेआम घूम रहे हैं। वे इन सभी मामलों का हल करेंगे और इसीलिए वे कुर्सी संभाल रहे हैं। सिद्धू ने कहा कि हाईकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे पर वे काम करेंगे।

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