अब! बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पहले से हुई सरल

ऑनलाइन पंजीकरण करते समय जरूरी दस्तावेज अपलोड करें

  • बच्चा गोद लेने के लिए किसी भी बिचौलिए के चक्कर में न पड़ें

फतेहाबाद (विनोद कुमार शर्मा)। सरकार द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया पहले से आसान की गई है, जिससे जरूरतमंद लोगों के समक्ष बच्चा गोद लेने में आने वाली समस्याओं से जूझना नही पड़ेगा। उपायुक्त जगदीश शर्मा द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई और महिला एवं बाल विकास विभाग को नई प्रकिया के बारे में लोगों को जागरूक करने को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए हैं। बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन आॅन लाईन होंगे और जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा आवेदक के बारे में सारी जांच की जाएगी। सारी शर्तें पूरी होने पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा बच्चा गोद लेने के लिए अप्रूवल दे दी जाएगी। यह प्रक्रिया महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत होगी।

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उपायुक्त शर्मा ने बताया कि अनाथ व लावारिस, अंतर-परिवार और सौतेले माता या पिता द्वारा यानि तीन तरह से बच्चा गोद लिया जाता है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया सरल की गई है। उन्होंने कहा है कि जरूरतमंद लोग बच्चा गोद के लिए किसी भी बिचौलिए के बहकावे में न आएं। केवल राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के माध्यम से गोद ले सकते हैं। किशोर न्याय (बच्चों की देखबाल एवं सरक्षण) लेने के लिए केयरिंग वेबसाइट पर सारी जानकारी विस्तार से दी गई है, जहां से सारी जानकारी ले सकते हैं। वेबसाइट पर अपना आॅनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आॅनलाइन पंजीकरण करते समय अपने सारे जरूरी दस्तावेज अपलोड करें। नागरिक गलत दस्तावेज अपलोड ना करें। ऐसा करने पर आपका आवेदन रद्द किया जा सकता है।

उपायुक्त शर्मा ने बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के गोद लेने में किसी बिचौलिए या दलाल की कोई भूमिका नहीं है, वे आपको गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने के लिए बहला सकते हैं। गोद लेने के लिए किसी व्यक्ति, गैर कानूनी संस्था, मैटरनिटी होम, हस्पताल व नर्सिंग होम आदि से संपर्क न करें। केयरिंग वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीएआरई डॉट एनआईसी डॉट ईन दिए गए निर्देशों में निर्दिष्ट शुल्क के अलावा कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।

बच्चा गोद लेने के लिए इन शर्तों पर पूरा उतरना जरूरी

एक ऐसे दंपत्ति को बच्चे का दत्तक ग्रहण करने की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती है जब तक उनके वैधानिक संबंध कम से कम दो वर्ष तक रहे हों। बिना विवाह के साथ रहने वाले दंपत्तियों को बच्चे के दत्तक ग्रहण की पात्रता नहीं है। बच्चा गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की रजामंदी आवश्यक है। एक अकेली महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है। इसके साथदत्तक ग्रहण करने वाले संभावित माता-पिता के पास बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन होने चाहिए।

दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। उन्हें कोई संक्रमक या गंभीर रोग या मानसिक या शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं होनी चाहिए जो कि बच्चे की देखभाल से रोक सके। दूसरे बच्चे के दत्तक ग्रहण की अनुमति तभी दी जाती है तब प्रथम बच्चे के लिए कानूनी रूप दत्तक से दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया हो परंतु यह भाई-बहनों के मामले में लागू नहीं है। एक अविवाहित या अकेले पुरूष को बालिका के दत्तक ग्रहण की अनुमति नहीं है। दो या दो से अधिक बच्चों के अभिभावक बच्चा गोद नहीं ले सकते।

आवेदन के साथ लगाने होंगे कुछ जरूरी दस्तावेज

आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज की तीन-तीन प्रतियां संलग्र करनी होगी। दो स्वयं सत्यापित प्रतियों सहित मूलरूप से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। आवेदन करने के लिए पहचान का प्रमाण जैसे मतदाता कार्ड या पैन कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस, भारत का निवास दर्शोने वाले प्रमाण, जो 365 दिनों से अधिक हो। विवाह प्रमाण पत्र होना जरूरी है। परिवार की तस्वीर (दत्तक ग्रहण करने वाले परिवार की पोस्ट कार्ड साइज की हाल ही में ली गई तस्वीर), पंजीकृत मेडिकल प्रेक्टिशनर द्वारा मेडिकल प्रमाणपत्र होना चाहिए। इसके अलावा बच्चा गोद लेने वालों को अपने किन्हीं दो दोस्तों का प्रमाण पत्र जिसमें यह लिखा हो कि दंपत्ति बच्चे की सही देखभाल करेंगे।

इसके साथ-साथ आय प्रमाण पत्र तथा पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट दस्तावेज साथ संलग्न करने होंगे। इस बारे में जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत बाजिया ने बताया कि जरूरतमंद व्यक्ति अधिक जानकारी के लिए नागरिक पुरानी कचहरी रोड स्थित जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के दूरभाष नंबर 01667-222606 पर संपर्क कर सकते हैं।

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