बीजिंग. चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क बनाने को जायज ठहराया है। बीजिंग ने कहा है कि 1890 के सिनो-ब्रिटिश ट्रीटी के तहत यह एरिया उसके इलाके में आता है और इसके कोई शक की गुंजाइश नहीं है। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन लू कांग ने कहा कि इस ट्रीटी (संधि) के मुताबिक सिक्किम का प्राचीन नाम झी (zhe) था। वहीं, बीजिंग ने अपने सरकारी मीडिया के जरिए कहा है कि चीन तो सीमा को विवाद का मुद्दा बनाने से बचता है, लेकिन इस बार भारत को नियम सिखाने की जरूरत है।
राष्ट्रीय ताकत के मामले में वह चीन से बहुत पीछे है
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, लेख में चेतावनी भरे अंदाज में यह भी कहा गया है कि भले ही जीडीपी विकास को लेकर भारत का मनोबल काफी बढ़ गया है, मगर उसे याद रखना चाहिए कि राष्ट्रीय ताकत के मामले में वह चीन से बहुत पीछे है। सीमा मुद्दों पर भारत चीन की बराबरी नहीं कर सकता है।
लेख के अनुसार, चीन सीमा विवादों को मुद्दा बनाने से बचता है। बीजिंग की मूल नीति भारत के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाने की है, मगर यह आपसी सम्मान पर आधारित होना चाहिए।
भारतीय सैनिकों की गलती है या यह भारतीय सरकार की कोई रणनीति है
गौरतलब है कि चीन ने सिक्किम क्षेत्र में भारतीय सैनिकों द्वारा सीमा पार करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में लेख में कहा गया है कि लेख में यह साफ नहीं है कि यह भारतीय सैनिकों की गलती है या यह भारतीय सरकार की कोई रणनीति है। जो भी मकसद हो चीन अपनी बात पर कायम रहेगा। उसे भारतीय सैनिकों को किसी भी तरह वापस जाने के लिए बाध्य करना चाहिए और चीन में सड़क निर्माण का कार्य रुकना नहीं चाहिए।
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