कृषि कानूनों की वापिसी को किसान विजय दिवस के रूप में मना रही कांग्रेस

सिरसा। एक साल के करीब किसानों के कृषि कानून के खिलाफ लडी गई लडाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तरह झुकने पर मजबूर कर दिया कि उन्होंने राष्ट्र को अपने संबोधन में न केवल कृषि कानूनों को वापिस लेने की बात कही, बल्कि सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी। किसानों की इस विजय को कांग्रेस पार्टी विजय दिवस के रूप में मना रही है। यह बात कांग्रेस के विधायक शीशपाल केहरवाला ने आज कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। इस मौके पर राजकुमार शर्मा, नवीन केडिया, सुभाष जोधपुरिया, पूर्व सांसद डॉ. सुशील इंदौरा व संगीत कुमार भी मौजूद थे। उपस्थित कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक साल से लडाई लड रहे थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए कुछ नहीं कहा।

आंदोलन में हमारे 700 किसान भाई शहीद भी हुए, तब भी मोदी ने कुछ नहीं किया। भाजपा के मंत्री व विधायक अनाप-शनाप बयानबाजी करते रहे। कभी किसानों को आतंकवादी, तो कभी खालिस्तानी कहते रहे, लेकिन किसानों ने हर दर्द सहा और अपने आंदोलन को हिंसक नहीं होने दिया। इसी का परिणाम है कि नरेंद्र मोदी झुके और कृषि कानूनों को वापिस लेने की बात कही। आज देर शाम शहीद किसानों की शांति के लिए कैंडल मार्च भी निकाला जाएगा। पत्रकार वार्ता के माध्यम किसानों से शांति बनाए रखने की अपील भी की गई। कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी का भी धन्यवाद किया, क्योंकि राहुल गांधी ने ही कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को समर्थन की शुरूआत की थी। सुभाष जोधपुरिया ने कहा कि घमंड से तने हुए सरों में झुकाव आ गया है, लगता है मेरे देश में फिर से चुनाव आ गया।

 

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