‘आप’ की सरकार में बोर्ड-निगम चला रही कांग्रेस, भगवंत मान को भनक तक नहीं

Bhagwant Mann

40 के करीब बोर्ड, 18 आयोग और 12 निगम सहित अहम विभाग नहीं छोड़ रही कांग्रेस

  • कैबिनेट रैंक वाले मलाईदार पदों से लेकर भर्ती बोर्ड में कांग्रेस की बोल रही तूती

चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने को 14 दिन हो गए हैं लेकिन पंजाब के बड़े बोर्ड और निगम से लेकर सभी आयोग में आज भी कांग्रेस का राज चल रहा है। सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने के बावजूद भी कांग्रेस के किसी भी नेता ने इन बड़े व अहम मलाईदार बोर्ड-निगमों से इस्तीफा नहीं दिया है। यही कारण है कि बतौर अध्यक्ष और कांग्रेस के बड़े नेता अब भी इन विभागों में काम कर रहे हैं। वहां कांग्रेस के अनुसार ही काम जारी है। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा कैबिनेट रैंक वाले पद भी शामिल हैं। यहां तक कि भर्ती बोर्ड भी शामिल है, जिसके तहत पंजाब सरकार भर्ती प्रक्रिया को मुकम्मल करते हुए सरकार में कर्मचारी तैनात करती है। आम तौर पर सत्ता से बाहर होने के बाद इन बोर्ड और निगम से लेकर आयोगों सहित विभागीय प्रमुखों द्वारा खुद इस्तीफा दिया जाता है।

सत्ता में आई पार्टी के नेताओं के लिए इन पदों को खाली करना होता है लेकिन भगवंत मान इस मामले में बिल्कुल अनजान हैं। सबसे विडंबना की बात तो यह है कि चेयरमैन तो दूर, किसी बोर्ड या निगम के सदस्य ने भी इस्तीफा नहीं दिया। प्रदेश में इस वक्त लगभग सभी बोर्ड और निगम सहित बड़े विभागों में कांग्रेस की तूती बोल रही है। पंजाब में 40 के लगभग बोर्ड और निगम हैं। इसके अलावा 18 के लगभग आयोग और 12 के निगम हैं। इनके अलावा मार्कफैड, मिल्कफैड, कोआपरेटिव बैंक, 28 के लगभग नगर सुधार ट्रस्ट और दर्जन भर अन्य विभागों में लगभग 150 के करीब राजनीतिक नेताओं को अध्यक्ष से लेकर सदस्य तक बनाया जाता है। सभी को मोटी तनख्वाह, सरकारी गाड़ी और सरकारी कोठी तक की सुविधा दी जाती है। इनमें से आधा दर्जन से ज्यादा पदों को कैबिनेट रैंक दिया जाता है। उन्हें कैबिनेट मंत्रियों के बराबर की सुविधाएं भी मिलती हैं।

28 नगर सुधार ट्रस्ट में कांग्रेसी चेयरमैन

पंजाब के बड़े शहरों के विकास में हमेशा ही नगर सुधार ट्रस्ट का अहम योगदान रहा है। नगर सुधार ट्रस्ट में नियुक्त चेयरमैन के पास फुल पॉवर के साथ बड़े स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध होती है। इस वक्त पंजाब में 28 नगर सुधार ट्रस्ट हैं और कांग्रेस सरकार में इन सभी ट्रस्टों पर कांग्रेसी नेताओं को चेयरमैन नियुक्त किया था। सत्ता से बाहर होने के बावजूद भी कांग्रेसी नेता नगर सुधार ट्रस्ट के अध्यक्ष पद से इस्तीफा ही नहीं दे रहे, जिस कारण इन 28 ट्रस्टों पर कांग्रेस का कब्जा जारी है।

ले रहे लाखों रुपए वेतन, लग्जरी गाडिय़ों की सुविधा और सरकारी कोठी

पंजाब के इन बोर्ड और निगम सहित विभागीय अध्यक्ष बनने वाले राजनीतिक नेताओं को हर महीने लाखों रुपए वेतन के साथ-साथ लग्जरी गाडिय़ों की सुविधा मिलती है। रहने के लिए सरकारी कोठी की व्यवस्था की जाती है। जो चेयरमैन सरकारी कोठी नहीं लेते तो उन्हें 50 हजार रुपए तक सरकारी कोठी का भत्ता हर महीने नकद के रूप में दिया जाता है। इस वक्त कांग्रेस के नेता इन पदों पर रहते हुए इन लग्जरी सुविधाओं और लाखों रुपए तनख्वाह का आनंद ले रहे हैं।

नैतिक आधार पर देना था इस्तीफा, किसी ने नहीं दिया

पिछली कांग्रेस सरकार ने सभी पदों पर अपने साथी कांग्रेसी नेताओं को तैनात किया था। तैनात नेताओं में से अब तक किसी ने भी नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि सत्ता से बाहर होने के बाद अधिकतर नेताओं द्वारा इस्तीफा दिया जाता रहा है। जो नेता इस्तीफा नहीं देते हैं उन्हें फिर मौके की सरकार पद से हटाती रही है। अभी तक भगवंत मान की सरकार में ऐसी कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। आज भी सभी पदों पर कांग्रेस का ही राज चल रहा है।

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