दंड प्रक्रिया (पहचान) विधेयक लोकसभा में पास

Criminal Procedure sachkahoon

नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने वाला दंड प्रक्रिया (Criminal Procedure) (पहचान) विधेयक 2022 को सोमवार को लोकसभा में पेश किया जिसे मतविभाजन के बाद स्वीकृत किया गया जिसके पक्ष में 120 मत पड़े जबकि विपक्ष में 58 मत पड़े। मिश्रा ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि बंदी शिनाख्त अधियनिय 1920 में बना था लेकिन बदलते तकनीक और अपराध के तरीकों में आये बदलाव को देखते हुए इस विधेयक को लाया गया ताकि जांचि एजेंसियों के हाथ को मजबूत किया जा सके।

इससे विधेयक से अपराधियों का पहचान करना और उसे पकड़ना आसाना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रस्ताव किसी भी रूप में मनमाना करने की अनुमति नहीं देता है और यह किसी भी रूप में संविधान का उल्लंघन नहीं करता है। इससे पहले कांग्रेस के मनीष तिवारी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह यह विधेयक संविधान की अनुच्छेद 20 का सीधे तौर पर उल्लंघन है इसलिए इसे सदन में पेश नहीं किया जाना चाहिए। सदन को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ऐसा नहीं हो कि इससे लोगों के अधिकारों का उल्लंघन हो।

जानें, किसने क्या कहा….

आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि सरकार गलत तरीके से इस विधेयक को ला रही है यह लोगों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करने वाला है। उन्होंने कहा कि जिस किसी को भी किसी अपराध के तहत गिरफ्तार किया गया है उसे उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौगत राय ने कहा कि संविधान में अनुच्छेद 21 के तहत जो मूल अधिकार (Criminal Procedure) दिया गया है यह उसके विरूद्ध है। इस विधेयक से मूल मानवाधिकार का उल्लंघन होगा इसलिए इसे सदन में नहीं पेश किया जाना चाहिए।

कांग्रेस के अधीर रंजन ने कहा कि यह स्वतंत्रता और व्यक्तिगत आजादी का उल्लघंन है। इस विधेयक से मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन होगा। इसी प्रकार बहुजन समाज पार्टी के रितेश पाठक ने कहा सरकार लोगों को भय में रखना चाहती है। यह पूरी तरह से नागरिकों के अधिकारों का हनन है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधेयक को पुन:स्थापित करने के लिए लिए कहा तब विपक्ष की तरफ से इसमें विभाजन की मांग की गयी। अध्यक्ष ने विधेयक पेश करने के लिए विपक्ष के विभाजन की मांग को स्वीकार किया जिसके पक्ष में 120 मत पड़े जबकि विपक्ष में 58 मत पड़े और विधेयक सदन में पेश किया गया।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जब विधेयक पेश करने के पक्ष में अपनी बात रख रहे थे तभी कांग्रेस के अधीर रंजन ने उनके उपर कटाक्ष किया। इसके जवाब में मिश्रा ने कहा कि उन्होंने 2019 में लोक सभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। अगर मेरे खिलाफ एक भी मामला है, अगर मैं एक मिनट के लिए थाने में गया हूं या एक मिनट के लिए भी जेल गया हूं तो मैं राजनीति से संयास ले लूंगा।

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