योग और ध्यान के जरीये भारत को नशामुक्त बनाएगा डेरा सच्चा सौदा

MSG Bhandara
MSG Bhandara : शाह सतनाम शाह मस्तान जी धाम व मानवता भलाई केंद्र डेरा सच्चा सौदा का मनमोहक दृश्य। छाया: मांगे लाल

 ध्यान, योग एवं स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशामुक्ति अभियान

बरनावा/सिरसा। समाज में नशे का दिनोंदिन बढ़ता चलन चिंता का विषय बना हुआ है। खासकर युवा पीढ़ी वर्तमान दौर में नशे की दलदल में इस कदर धंस चुकी है कि बचाव का कहीं कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा।

स्वास्थ्य कैंपों के जरीये लोगों का नशा छुड़वाने का मैगा अभियान

पिछले करीब 5 सालों में नशा रूपी दानव हर घर में अपना दुष्प्रभाव दिखाने लगा है। भारत वर्ष ही नहीं, पूरे विश्व में नशे की यह लत एक भयानक बीमारी के रूप में उबर कर सामने आ रही है, जो समाज के भविष्य के लिए खतरे का संकेत है। घरों को बर्बादी की कंगार तक लेकर जाने वाले इस नशे की रोकथाम के लिए डेरा सच्चा सौदा एक नई सवेर बनकर सामने आया है। करीब 6 करोड़ लोगों को नशों से दूर रहने का मंत्र देने वाला डेरा सच्चा सौदा अब पूरे भारतवर्ष को नशा मुक्त करने का निश्चय कर चुका है। डेरा सच्चा सौदा योग एवं ध्यान के साथ-साथ स्वास्थ्य कैंपों के जरीये लोगों का नशा छुड़वाने का मैगा अभियान शुरू करेगा।

अखिल भारतीय नशामुक्त अभियान की शुरूआत

पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गत 3 नवंबर को शाह सतनाम जी आश्रम बरनावा, यूपी से लाइव कार्यक्रम दौरान अखिल भारतीय नशामुक्त अभियान की शुरूआत की, जिसको ड्रग इरेडीकेशन पेन-इंडिया थ्रू हैल्थ एंड मैडिटेशन का नाम दिया गया। ध्यान, योग एवं स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशामुक्ति अभियान का मूल उद्देश्य हिंदुस्तान से नशे को जड़ से खत्म करना है। इस अभियान को कारगर बनाने के लिए डेरा सच्चा सौदा गांव, कस्बे व शहरी स्तर पर स्थानीय साध-संगत का सहयोग लेगा। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जागरूकता कैंपों के अलावा योग एवं ध्यान क्रियाओं के जरीये लोगों को नशा छोड़ने के लिए प्र्रेरित किया जाएगा, वहीं स्वास्थ्य कैंप भी लगाए जाएंगे जिनमें नशे के आदि लोगों का उपचार भी किया जाएगा।

नशा विरोधी मुहिम

बता दें कि डेरा सच्चा सौदा ने वर्ष 1948 में अपनी स्थापना से ही नशा विरोधी मुहिम शुरू की हुई है। डेरा सच्चा सौदा के तीन नियमों के अनुसार, यहां का सत्संगी बनने के लिए उसे सबसे पहले नशीले पदार्थाेंं का सेवन छोड़ना होता है। मांस-अंडा-शराब सहित तमाम दुनियावी नशों को छोड़कर हर व्यक्ति को इंसानियत के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी जाती है। डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज एवं दूसरी पातशाही पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने हमेशा सत्संगों में लोगों को नशों के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत करवाया और सदा नशा रहित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।

DEPTH Campaign

पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने नशामुक्त समाज की इस मुहिम को नई गति देते हुए सत्संग लगाकर लोगों को बड़े नशों के साथ-साथ बीड़ी, गुटखा जैसे पारंपरिक नशों को भी छोड़ने के लिए उत्साहित किया। काबिलेगौर है कि उन सत्संगों के दौरान ही लोगों द्वारा भविष्य में नशा न करने का संकल्प लेते हुए अपनी जेबों से गुटखे, बीड़ी मंडल निकाल कर बड़े ढ़ेर लगा दिए जाते थे, जो इस बात की गवाही भरते थे कि सत्संग से समाज को नई दिशा मिल रही है। डेरा सच्चा सौदा अपने 74 साल के इतिहास में अब तक 6 करोड़ से अधिक लोगों को नशे से परहेज का संकल्प करवा चुका है। नशे के कारण जिस घरों में हमेशा नरक जैसा माहौल बना रहता था, डेरा सच्चा सौदा के प्रयास से अब उन घरों में जन्नत सा नजारा देखने को मिलता है।

क्या कहते हैं आंकड़े

गौरतलब है कि विश्वभर में नशे का दानव हर दिन विकराल होता जा रहा है। नशे की लत के कारण होने वाली मौतों के मामले 2021 में पहली बार 10 हजार के आंकड़े को पार कर गए। इस हिसाब से देखा जाए तो औसतन हर घंटे एक से अधिक मौतें हुई हैं। वर्ष 2021 में भारत देश में नशे की लत के कारण 10,560 मौतें हुई हैं। वहीं वर्ष 2022 के आंकड़ों में गौर किया जाए तो केवल सिरसा जिले में ही नशे की ओवरडोज से अक्तूबर महीने तक करीब 43 मौतें हो चुकी हैं। गहरी चिंता का विषय यह भी है कि देश में पारंपरिक नशों जैसे तम्बाकू, शराब, अफीम के अलावा सिंथेटिक ड्रग्स स्मैक, हिरोइन, आइस, कोकीन, मारिजुआना आदि का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है।

  Hindi Article. Durgs, Youth, Adolescent

डेरा सच्चा सौदा के असूलों में शुमार है नशे छोड़ने की शर्त

डेरा सच्चा सौदा की शिक्षा मुख्यत: तीन सिद्धांतों पर टिकी हुई है, जिसमें नशा छोड़ने की अनिवार्यता इसके मूल में समाई है। बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने सन् 1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना करते हुए डेरा अनुयायी के लिए तीन नियम बनाए थे, जिसमें गुरुमंत्र, नाम शब्द ग्रहण करने वाले इन्सान को जीवन में किसी भी प्रकार का दुनियावी नशा करने की मनाही है। डेरा सच्चा सौदा के वह तीनों सिद्धांत आज भी जस के तस कायम हैं। पूज्य सार्इंं जी ने 12 साल में हजारों लोगों को नशा छुड़वाने का प्रण करवाते हुए डेरा सच्चा सौदा से जोड़ा, वहीं परमपूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने गुरगद्दीनशीनी के 30 वर्षों में लाखों नए लोगों को नशे के दैत्य से बाहर निकालते हुए उनको नशामुक्त जीवन जीने का संकल्प करवाया।

dr msg

वर्ष 1990 से मौजूदा पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अब तक 6 करोड़ लोगों को नशा छोड़ने का संकल्प करवा चुके हैं, जो आज भी डेरा सच्चा सौदा के असूलों को अपनाकर खुशहाल जीवन जी रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा अपने 7 दशक के इस दौर में नशामुक्त समाज बनाने के अभियान को समय-समय पर नई गति देता रहा है। चाहे सत्संग के द्वारा लोगोंं का नशों के बारे जागरूक करना हो, या फिर गांव-गांव, शहर-शहर नशा विरोधी रैलियां निकालनी हो, डेरा सच्चा सौदा हमेशा अग्रणी पंक्ति में खड़ा दिखाई दिया है। पूज्य गुरु जी अकसर सत्संग में फरमाते हैं कि नशा जैसे शराब, भांग, अफीम या कैमिकल्सयुक्त नशे समाज को नष्ट कर रहे हैं, इन नशों को जड़ से खत्म करना होगा। पूज्य गुरु जी अकसर सत्संग में आह्वान करते हैं कि जो भी कोई नशे से पीड़ित है, यदि वह नशा छोड़ना चाहता है तो डेरा सच्चा सौदा के द्वार उसके लिए हमेशा खुले हैं।

यहां आकर गुरुमंत्र लेकर यदि 7 दिन सेवा करे तो सारे नशे अपने आप छूटते चले जाएंगे। पूज्य गुरु जी का यह संदेश नशे की दलदल में फंसे लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। हजारों नहीं, अपितु लाखों लोगों ने डेरा सच्चा सौदा में आकर ऐसे-ऐसे नशों को तिलांजलि दी है जो चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक चुनौती कही जा सकती है। प्रतिदिन नशे के 10-10 इंजेक्शन लगाने वाले लोग भी डेरा सच्चा सौदा में आकर इस कोढ़ से छुटकारा पा चुके हैं। जो घर नशे की वजह से नर्क तुल्य बन चुके थे, आज उन घरों में बहारें खिली हुई हैं। समाज के लिए उजियाले की किरण बनकर आए डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु जी आॅनलाईन गुरुकुल कार्यक्रम के द्वारा भी लाखों लोगों का नशा छुड़वा चुके हैं, जो अपने आप में बेमिसाल है।

आॅनलाइन गुरूकुल ने लौटाई मुरझाए चेहरों पर रौनक

पिछले साढ़े 7 दशक में डेरा सच्चा सौदा से जुड़कर करोड़ों लोग नशे से छुटकारा पा चुके हैं। सतयुग का शंखनाद करते हुए पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने विश्वभर को एक अनोखी सौगात देते हुए आॅनलाइन गुरुकुल कार्यक्रम की शुरूआत की है। पूज्य गुरु जी इस कार्यक्रम द्वारा आॅनलाइन ही सात समुंद पार बैठी अपनी रूहों का पार उतार कर रहे हैं। देश-विदेश के कोने-कोने तक रूहानी संदेश प्रसारित हो रहा है। आॅनलाइन गुरूकुुल कार्यक्रमों के माध्यम से पूज्य गुरू जी ने बड़ी संख्या में लोगों को नशे छोड़ने का संकल्प करवाया है, जो समाज में अच्छे बदलाव की दिशा में सराहनीय प्रयास कहा जा सकता है।

Anmol vachan DSS

घोर कलयुग का समय है, जिधर देखो नशे की चर्चा है

लाइव कार्यक्रम दौरान पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि आज समाज में चहुंओर जैसा वातावरण है, जैसा समय चल रहा है। बेहद ही घातक है, बेहद दर्दनाक है, बहुत ही घोर कलयुग का समय है। दूसरे शब्दों में बुराइयां यौवन पर हैं। आज समाज में नशों की वजह से त्राहिमाम और जिधर देखो उधर लोग नशे की चर्चा करते नजर आते हैं, चुगली निंदा करते नजर आते हैं। पहले युग में, पहले समय में हम लोग बैठते थे तो ये बातें होती थी, कि अपने आप को मजबूत कैसे बनाना है। गेमों में हिस्सा लेना हैं। इसके अलावा खेतीबाड़ी की बात की जाती थी। बड़ा ही स्वच्छ और सुंदर वातावरण होता था। लेकिन आज आप ये देखो, नशा करने वाला कौन सा नहीं हैं। बड़ा मुश्किल हुआ पड़ा है जीना, रहना, बात करना, बात करने से पहले 100 बारी आदमी सोचता है कि सामने वाला रियेक्ट क्या करेगा। क्योंकि, पता नहीं किस को कौन सी बात चुभ जाए, पता नहीं कौन सी बात को तोड़-मरोड़ कर कोई क्या कह दे।

आज के दौर में कुछ पता नहीं। तो आज के समय में या चहुंओर बुराइयों का राज है, बुराइयां छा रही हैं। हमारे सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों में सबसे पहले लिखा गया कि ऐसा दौर आएगा जब हाथ को हाथ खाएगा। ऐसा समय आएगा रिश्ते नाते मिट जाएंगे, इंसान सिर्फ और सिर्फ गर्ज और स्वार्थ का पुतला बन जाएगा। पूज्य गुरू जी ने आगे फरमाया कि 1990 में एक बार परमपिता जी(पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज) के साथ घूम रहे थे और परमपिता जी एक जगह बैठ गए, कहने लगे कि जो दिन गुजर गया वो अच्छा है और शुक्र मनाओ। आने वाला हर दिन पिछले दिन से ज्यादा बुराइयां लेकर आता है तथा बुरा होता चला जाता है। फिर फरमाया कि किसको कहें, कौन अच्छा है। इस कलियुग के दौर में वो इन्सान बचे हैं जो ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड के नाम से जुड़े हैं या वो बचे हैं जो संत-पीर फकीर की बातों को सुनकर जिन्दगी में अमलीजामा पहना लेते हैं। वरना इन बुराइयों से बचना बड़ा ही मुश्किल है।

युवाओं की बर्बादी का अघोषित युद्ध है नशा

समाज में भयावह रूप धारण करती नशे की प्रवृत्ति पर पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि हम 1992-93 से कहते आ रहे हैं कि समाज में बढ़ता नशा युवाओं की बर्बादी का अघोषित युद्ध है। हमारे जीवन का एक ही मकसद था, है और हमेशा रहेगा कि समाज से नशे के दानव और बुराइयों को खत्म करना और सुख समृद्धि लाना है। हम तो 1948 से बोल रहे है कि ये जो नशा है वो घातक है और 1990 के बाद तो हम साफ ही कहने लग गए कि ये इनड्रेक्ट युद्ध छिड़ गया है और हमारे आने वाली पीढ़ियों को निकमा करने के लिए ये नशा शुरू कर दिया गया है। तो आज क्या मैदानी इलाका, क्या पहाड़ी इलाका, क्या समुन्द्र के किनारे, सब जगह नशे ने पांव पसार लिए है और बुरा हाल हुआ पड़ा है। समाज में ज्यादातर लोग इससे दुखी हैं। लोग मर रहे हैं, नशा कर करके। क्योंकि उसमें कैमिकल की मात्रा ज्यादा है, बेहंतहा ज्यादा है। आदत पड़ जाती है बंदे को और फिर वो बर्बाद होता चला जाता है।

 

Drug addiction dangerous alarm

नशा करने वाला इन्सान मरता बड़ा जल्दी है। लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि भगवान ने जो उम्र लिख दी, लेकिन भगवान ने उम्र नहीं लिखी होती, श्वास लिखे होते हैं। नशे से एक मिनट में 16 से 18 श्वास लेने की जगह 30 से 32 श्वास ले लेते हो और 100 साल की उम्र की जगह 50 में ही मौत हो जाती है। 70 वाले की 35 में और 50 वाले की 25 साल में मौत हो जाती है। तो इस प्रकार से नशे में पड़कर आप अपने आप को बर्बाद कर रहे हो। ये जो निशानियां जो आ रही है, बड़ी डरावनी है, बड़ी घातक है। ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब से दुआ, प्रार्थना, अरदास है कि मालिक तू रोके तो रोके, वरना आज ये गंदगी खाने से, ड्रग्स से, बुराई करने से आज का इन्सान बाज नहीं आ रहा। हट ही नहीं रहा। किसी के रोकने से रूक नहीं रहा। मां-बाप रोकते हैं तो खुदकुशी का डरावा देता है। मां-बाप रोकते है तो भद्दे लगते है, गंदे लगते है। ये क्यूं रोकते हैं मुझे नशा करने से, तो समाज में भयानक परिवर्तन आ रहे है। उसी का एक ये अंग है, आप महसूस करके देख लो।

नशा सौदागरों से आह्वान : नशा का व्यापार बंद कर नया काम शुरू करें, भगवान 10 गुणा बरकतें जरूर करेंगे

सत्संग कार्यक्रम के दौरान पूज्य गुरु जी ने देशभर में नशे का व्यापार करने वालों को नशा बेचना बंद करने का आह्वान करते हुए कहा कि आज अगर आप हमारी आवाज सुनकर अपना नशे का बिजनेस बदल देते हो और इसकी जगह कोई और काम का तजुर्बा लेकर अच्छा काम करते हो तो भगवान आपके उस नए काम में 10 गुणा बढ़के बरकत जरूर डालेगा। चाहे आप हमसे जुड़े हों या ना जुड़े हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और आप (नशा बेचने वाले) सभी लोग जहर बेचना छोड़ दो।

Dera Sacha Sauda campaign against drugs

नशे का बढ़ना देश के लिए गंभीर समस्या

‘कोई कोई जाने कैसा नशा है नाम का…’ भजन की व्याख्या करते हुए पूज्य गुरू जी ने कहा कि संसार में नशों की बाढ़ आई हुई है। हमारे देश की बात कर लिजिए, बहुत जगहों पर, बहुत तरहों के नशे बर्बाद कर रहे है। नशे से देश की जवानी, देश का बचपन बर्बाद होता जा रहा है और यह नशा दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। बहुत सारी जिंदगियां नशा बर्बाद कर चुका है और खत्म कर चुका है तथा बहुत जिंदगियों को खत्म करने की कगार की तरफ ले जा रहा है। पहले एक हल्के पीले और लाल रंग की बेल हुआ करती थी, जिसके शायद अलग-अलग नाम हो, जिसे अंबर बेल भी कहते थे। यह बेल जिस पेड़ पर गिर जाती थी, उसको बर्बाद कर देती थी।

आज उसी तरह नशा हमारे समाज के ऊपर गिरा हुआ है, गिरफ्त में ले रखा है नशे ने और इससे हमारा समाज खोखला होता जा रहा है। हमारी संस्कृति जो दुनिया की नंबर वन संस्कृति है, वो भी खत्म होती जा रही है, बर्बाद होती जा रही है। तो इस नशे को रोकना बहुत ही जरूरी है। पूज्य गुरु जी ने कहा कि नशा को रोकने के लिए लोग कदम भी उठा रहे होंगे, हमारे जिम्मेदार लोग भी कदम उठा रहें होंगे, लेकिन जब तक आदमी का दिमाग नशे की लत से बुरी तरह से पंघलाया हुआ है, तब तक यह नशा शरीर को नहीं छोड़ता, इन्सान को नहीं छोड़ता। इसके लिए पहले जरूरी है इन्सान के दिमाग से नशे रूपी दानव का असर खत्म हो। आमतौर पर नशा खत्म करने के लिए लोग उससे ज्यादा वाला नशा या अलग तरह का नशा देते है, ताकि वो नशा छुड जाए और फिर वो कम करके धीरे-धीरे नशा छुड़वाया जाता है। लेकिन एक नशा जो हमारे पाक-पवित्र ग्रंथों में दर्ज है, वो है ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु के नाम का नशा, गॉड, खुदा रब्ब की इबादत का नशा। वो एक ऐसा स्वस्थ नशा है।

How to Avoid Drug Addiction

जिसको लेने से सबसे पहले इन्सान के दिमाग से नशे का फितूर, गंदगी रूपी नशे का फितूर दूर होता है। जिसका माइंड फ्रेश हो जाता है, जिसके अंदर बिल पॉवर आ जाती है, वो दुनिया के असंभव कार्यो को भी संभव कर सकता है। तो माइंड फ्रेश, दिमाग में शांति के लिए, आत्मबल के लिए, आप किसी भी डॉक्टर साहिबान से पूछ लिजिए एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और भी पद्धतियांहोगी तथा किसी के भी पास चले जाइये, आपको ऐसी दवा नहीं मिलेगी, जिससे आत्मबल बढ़ सकें। हैरानीजनक बात तो यह है, हमारे धर्मो में सिर्फ और सिर्फ इसी दवा का जिक्र ज्यादा किया गया है और वो दवा है परमात्मा, मालिक का नाम, ओम, हरि, ईश्वर की भक्ति, वो एक ऐसी दवाई है, जिसको लेने से आदमी की सोच बदलने लगती है। वो ऐसी दवाई है, जिसको लेने से आत्मबल बढ़ता है। हमारे सभी पाक-पवित्र धर्मो,ग्रथों में बहुत पहले से लिखा हुआ है कि अपनी सोच को बदलो, अपने अंदर आत्मबल को पैदा करो, जिनके अंदर आत्मबल होगा,बिल पॉवर होगा, वो इन्सान हमेशा सफलता की ओर बढ़ता ही चला जाएगा।

 युवा पीढ़ी नशे से हो रही खोखली, कौन करेगा देश की रक्षा

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अगर आप सफल होना चाहते है, अगर हमारे देश से नशे को खत्म कर दिया जाए, अगर आप सफल होना चाहते है कि हमारे परिवार में नौजवान बेटे, पौते, पौतिया जो भी नशा करने वाला है परिवार में उसकी जिंदगी बचाना चाहते है तो यह बेहद जरूरी है, उनमें आत्मबल लाओ और आत्मबल की दवा राम-नाम, अल्लाह, वाहेगुरु, परमात्मा का नाम है। जोकि एक दम असर करती है। आज के समय के हिसाब से मालिक का नाम बहुत जरूरी है। हम 1995-96 से कहते आ रहे है कि ये जो नशे चल रहे है इनडायरेक्टली हमारे देश के खिलाफ एक अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध है। ताकि हमारी नौजवानी पीढ़ी खोखली हो जाए और जब नौजवान पीढ़ी खोखली हो जाएगी तो देश की रक्षा करेगा कौन? युथ, जवानी एक ऐसा दौर होता है जिसमें आदमी अगर अच्छे कर्म करने लग जाए तो वो समाज को, देश को बहुत कुछ दे सकता है और अगर बुरे कर्म करने लग जाए तो वह घर को देने के लायक कुछ नहीं रहता, देश और समाज तो दूर की बात है। यह बदलाव लाना जरूरी है।

online Gurukul dr.msg

आजकल नशे में मिलावट भी बहुत होने लगी है। नशे के पाऊचों पर देवी-देवताओं की फोटो इत्यादि होने पर दुख जताते हुए कहा कि लोग नशा करने के बाद उन पैकेट को नीचे फैंक देते हैं जोकि लोगों के पैरों तले कुचले जाते है जोकि बहुत दुखद है। नशे व बुराईयों को छोड़कर हमें अपने देश की संस्कृति को ऊपर उठाना चाहिए। इसके साथ ईर्ष्या, नफरत को त्याग देना चाहिए तथा राम-नाम के नशे से जुड़ जाना चाहिए। हमारे सभी पाक-पवित्र ग्रंथों में लिखा है कि राम नाम में दुनियावी मिठास से अरबों-खरबों अधिक मिठास है। इसलिए अगर नशा ही करना है तो राम के नाम का नशा करो जो एक बार चढ़ गया तो इस जहान में तो क्या अगले जहान में नहीं उतरेगा। दुनिया का नशा घर, शरीर, समाज को नर्क बनाता है और देश को बर्बादी की तरफ ले जाता है।

इसके विपरीत राम नाम का नशा शरीर को मजबूत करता है, घर को स्वर्ग बनाता है, समाज को स्वस्थ बनाता है और देश के लिए भी बहुत कुछ कर जाता है। रामनाम से जुड़ा व्यक्ति अपनी कुलो का उद्धार कर लेता है। जिसे राम नाम का नशा लग जाता है उसे कोई भी चिंता, परेशानी टस से मस नहीं कर सकती और दुनियावी नशा टैंशन ना होते हुए भी उसे ढ़ेरों परेशानियां दे देता है। इसलिए धर्मो में लिखा है कि मालिक के नशे से जुड़ो। जिससे आपके अंदर आत्मबल आएगा। जिससे देश की तरक्की में सहयोग दोगे और सबसे बड़ी बात स्वस्थ काया होगी। जिसका शरीर स्वस्थ है उसके लिए पतझड़ भी बहार है और जिसका शरीर बीमार है उसके लिए बहार भी पतझड़ होती है।

प्रमुख बिंदु:

  • नशा मुक्त भारत अभियान वर्ष 2020-21 के लिये देश के 272 ज़िलों में शुरू किया गया है।
  • यह अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर, बल्कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से नशा मुक्त भारत अभियान के लिये पहचाने गए ज़िलों में सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों  पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
  • इस अभियान के तहत सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नशा मुक्ति में कार्यरत संस्थानों के लिये धन जुटाने तथा युवाओं के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिये स्कूलों और कॉलेजों में नशा मुक्ति अभियान को संचालित करेगा।
  • इस अभियान में जागरूकता सृजन कार्यक्रम, समुदाय की आउटरीच और दवा पर निर्भर आबादी की पहचान, उपचार सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सेवा-प्रदाताओं के लिये क्षमता-निर्माण कार्यक्रम को शामिल किया गया हैं।
  • नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के अवसर पर ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय’ द्वारा नशा मुक्ति अभियान का लोगो व टैग लाइन ‘नशा मुक्त भारत-सशक्त भारत’ भी जारी किया गया।

सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय

नशीली दवा की माँग में कमी लाने के लिये सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। यह मंत्रालय नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के सभी पहलुओं पर निगरानी का कार्य करता है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशे की समस्या का विस्तार से मूल्यांकन करने, नशे के आदी व्यक्ति का उपचार एवं उनका पुनर्वास करने, लोगों में नशे की प्रति जागरुकता सृजित करने के साथ-साथ देशभर में नशा मुक्ति केंद्र चलाने के लिये एनजीओ को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।