Supreme Court : विज्ञापन पर अंकुश

Supreme Court on Advertisement

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Supreme Court ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कड़ी आपत्ति व्यक्त की है कि कई मशहूर हस्तियां भी गलत और खतरनाक उत्पादों का विज्ञापन (Advertisement) कर मानवीय स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा करते हैं। कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। दरअसल, विज्ञापन का मामला बहुत खतरनाक है और पैसे के लालच में सेलिब्रिटीज उत्पाद की गुणवत्ता की जांच किए बिना ही विज्ञापन कर देते हैं और आम लोग अपने आइकन की बात पर भरोसा कर उत्पाद का इस्तेमाल करने लगते हैं।

बात केवल खाने-पीने की वस्तुओं की नहीं बल्कि बल्कि बाजार में ऐसे कॉस्मेटिक्स भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं, जिनका इस्तेमाल करने से कैंसर, टीबी, फेफड़ों का कैंसर तक हो सकता है। पश्चिमी जीवनशैली, पूंजीवाद और बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने मुनाफे के लिए मानव स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया है। इन खतरों के बीच चिकित्सा अनुसंधान को दबा दिया जाता है। आवश्यकता इस बात की है कि इन चिकित्सा अनुसंधान को स्वतंत्र और निष्पक्ष रखने के साथ-साथ अनुसंधान के लिए बजट में भी वृद्धि की जाए। केंद्र और राज्य सरकारों को मानवता की भलाई के लिए धोखाधड़ी और लालची कंपनियों के साथ-साथ मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

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