खेल-खेल में दिव्यांशी बनी वुशु की नेशनल खिलाड़ी

फतेहाबाद। (सच कहूँ/विनोद शर्मा) स्कूल से आने के बाद गली के बच्चों संग मस्ती करते-करते 11 वर्षीय दिव्यांशी वुशु की नेशनल खिलाड़ी बन गई। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह एक दिन अपने प्रदेश-जिले का नाम रोशन करेगी। 11 वर्षीय दिव्यांशी एक दिन जब बच्चों के साथ गली में उछल-कूद कर रही थी तब उनकी गली से सीनियर कोच हवा सिंह गुजर रहे थे। उन्होंने दिव्यांशी की चुस्ती-फुर्ती देखी तो उन्होंने सोचा बच्ची में काफी चुस्ती है। कोच हवा सिंह ने इस बारे में उनके पिता से बातचीत की। उसके बाद पिता ने दिव्यांशी को कोच हवा सिंह के पास ट्रेनिंग के लिए छोड़ दिया। चार साल लगातार तैयारी करवाने के बाद दिव्यांशी ने कराटे, मार्शल आर्ट सहित अनेक स्कूल गेमों में भाग लेकर बेहतर प्रदर्शन किया। कोच हवा सिंह का सिरसा तबादला होने के बाद दिव्यांशी ने चार बार के नैशनल खिलाड़ी सीनियर वुशु कोच दिनेश भोभिया मताना से प्रशिक्षण प्राप्त करके खेल की बारीकियोंं को सीखा और पहली बार खेलने के लिए गई नैशनल प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया।

पहली बार में जीता गोल्ड

छठी कक्षा की दिव्यांशी ने पहली बार हिमाचल के मंडी में आयोजित 22वीं सब जूनियर नेशनल वुशु प्रतियोगिता में भाग लिया। 33 किलो भार वर्ग में हरियाणा प्रदेश का नेतृत्व करते हुए गोल्ड मैडल प्राप्त किया। दिव्यांशी ने बताया कि यह प्रतियोगिता 10 जुलाई 15 जुलाई से 2022 तक आयोजित हुई। वुशु खिलाड़ी ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान देश भर के खिलाड़ियों ने भाग लिया। उन्होंने चार मैच खेलते हुए अपने प्रदेश के लिए गोल्ड मैडल प्राप्त किया।

माता-पिता एवं कोच को दिया जीत का श्रेय

दिव्यांशी ने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच दिनेश भोभिया एवं माता-पिता को दिया। उसने बताया कि खेल में उसके माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्य बहुत सहयोग करते हैं। उसने बताया कि स्कूल प्रिंसिपल, स्टाफ भी उसका पूरा सहयोग करता है। उनके पिता उन्हें अकेडमी के लिए सुबह-शाम छोड़कर आते हंै। दिव्यांशी ने बताया कि मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके पिता उपाध्याय का बहुत बड़ा योगदान है। खेल के कारण अगर मेरी पढ़ाई बाधित होती है तो स्कूल स्टाफ, कक्षा की टीचर उनकी अलग से पढ़ाई करवाती हैं।

यह भी पढ़ें:– 11 गोल्ड, 10 सिल्वर पदक लेकर अरनियांवाली के छात्रों ने धूम मचाई 

खेल के साथ-साथ पढ़ाई में अव्वल

वुशु नेशनल खिलाड़ी दिव्यांशी के पिता उपाध्याय ने बताया कि उनकी बेटी खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी अव्वल है। उपाध्याय ने बताया कि उनकी बेटी ने अभी तक हर कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा उनकी बेटी को मेहंदी लगाना, डांस करना भी पंसद है। दिव्यांशी ने बताया कि स्कूल में आयोजित होने वाली
हर प्रतियोगता में वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।