कड़ाके की सर्दी में भी धरने पर डटे किसान

कहा, मांगे पूरी नहीं की तो संघर्ष होगा तेज

फाजिल्का (सच कहूँ न्यूज)। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से कड़ाके की सर्दी में भी मांगों को लेकर डीसी कार्यालय व टोल प्लाजा पर धरना दिया जा रहा है। हालांकि टोल प्लाजा पर किसानों ने वाहन लगाकर रास्ता बंद कर दिया है, जिसके चलते वाहन चालक बिना टोल दिए ही लगातार गुजर रहे हैं, जबकि डीसी कार्यालय के सामने किसानों ने एक और तंबू लगा लिया है, ताकि वह सर्दी से बच सकें। उधर, किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों के बारे में जल्द सुनवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में संघर्ष को और तेज किया जाएगा।

किसानों की ओर से 15 दिसंबर से एफएफ रोड पर बने टोल प्लाजा थेहकलंदर व माहमूजोईया में टोल प्लाजा पर धरना दिया जा रहा है, जबकि अब किसान डीसी कार्यालय के समक्ष लगाए गए पक्के मोर्चे पर भी ठंड में रातें बिता रहे हैं। उधर पर्ची काउंटर के आसपास किसानों द्वारा ट्रालियां लगाई गई हैं, जिसके कारण वाहन चालक बिना टोल दिए ही लगातार गुजर रहे हैं।

दो दिन पहले धरने पर पहुंचे फाजिल्का के विधायक नरेंदपाल सिंह सवना ने किसानों की समस्या जानते हुए उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों द्वारा उनकी मांगें माने जाने तक धरना जारी रखने की बात कही गई। इस मौके पर यूनियन के जिला प्रधान जगदीश सिंह मनसा ने कहा कि वह पिछले डेढ़ माह से धरने बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही।

उनकी मुख्य मांगों में महात्मा गांधी मनरेगा स्कीम के अंतर्गत 365 दिनों का काम दिया जाए और स्कूल, कालेजों, यूनिवर्सिटी में मुफ्त सहूलियतें मुहैया करवाई जाएं, 23 फसलों और एमएसपी खरीद की गारंटी डाक्टर स्वामी नाथन कमिशन की रिपोर्ट मुताबिक लागू किया जाए। दिल्ली मोर्चे दौरान मारे गए किसानों को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और भूमि रहित किसानों और मजदूरों को 10 मरले का प्लाट, 51,000 रुपए शगुन स्कीम और 2500 रुपए बुढापा पेंशन और 14 जरुरी वस्तुएं देने का प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों का हल नहीं किया जाता तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।

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