धुँए की आड़ में चल रहे मस्ती के ठिकाने बंद

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धुँए की आड़ में चल रहे मस्ती के ठिकाने बंद

हरियाणा में फ्लेवर्ड हुक्का बैन, ट्रेडिशनल हुक्के पर कोई रोक नहीं

  • रेस्टोरेंट में परोसा जा रहा था फ्लेवर्ड हुक्का, मलिक सहित दो गिरफ्तार | Hisar News

हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) की घोषणा के बाद हरियाणा में रविवार से रेस्टोरेंट, बार, रेस्टोरेंट व नाईट क्लबों में फ्लेर्वड हुक्का पीने पर अधिकृत रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। करीब एक पखवाड़े पहले ही सीएम ने एक दिन सुबह के दौरान फ्लेवर्ड हुक्के को बैन करने की घोषणा की थी। हरियाणा के गृह सचिव टीवीएसएसएन ने आदेश जारी करते हुए कहां की राज्य के कई जिलों में तंबाकू व फ्लेवर्ड हुक्का परोसा जा रहा है। कई जगह तंबाकू के साथ प्रतिबंधित नशीले पदार्थ भी मिलाए जाते हैं। यह भी सामने आया है कि स्वाद बढ़ाने के लिए हुक्के के तम्बाकू में कई तरह की जड़ी बूटियां भी मिलाई जाती है। युवाओं को बहला फुसलाकर इसका चस्का लगाया जाता है। जो बाद में एक आदत बन जाती है। Hisar News

आर्डर जारी होते ही हिसार में पड़ी रेड

प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से जैसे ही हरियाणा प्रदेश के रेस्टोरेंट सहित बार व रेस्तरां में फ्लेवर्ड हुक्का पीने के आर्डर जारी हुए उसके तुरंत बाद ही हिसार की सेक्टर 13 मार्केट स्थित गोल्डन बॉल्स रेस्टोरेंट पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने छापेमारी कर मौके पर फ्लेवर्ड हुक्का पीते हुए एक युवक सहित रेस्टोरेंट के मालिक को गिरफ्तार किया। सिविल लाइन थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर राजवीर सिंह के नेतृत्व में सिपाही पंकज और सिपाही रवि कुमार की टीम ने छापेमेरी अभियान चलाया। पुलिस ने रेस्टोरेंट मालिक न्यू मॉडल टाउन हिसार निवासी शुभम व मॉडल टाउन निवासी पवन को फ्लेवर्ड हुक्का पीते हुए गिरफ्तार किया।

चिलम भी उठा ले गई पुलिस | Hisar News

इस दौरान पुलिस टीम ने रेस्टोरेंट मालिक शुभम से पूछताछ की दो उसने स्वीकारा की हुक्का में प्रतिबंधित निकोटिन पदार्थ तंबाकू मिलते हैं। इस दौरान पुलिस को रेस्टोरेंट से काफी मात्रा में हुक्का पिलाने का प्रतिबंधित सामान भी मिला। पुलिस टीम ने बताया कि जिस वक्त रेस्टोरेंट में एंट्री की तो उनकी टेबल पर काफी हुक्के रखे हुए थे। पुलिस टीम को देखते ही कुछ युवा मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मौके से कई पैकेट फ्लेवर,तीन हुक्के,5 पाइप हुक्का व 5 चिलम बरामद की है।

इसलिए बैन किया गया फ्लेवर्ड हुक्का

हरियाणा सरकार का मानना है कि रेस्टोरेंट बार या रेस्तरां में परोसे जाने वाले हुक्के के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड और पॉलीसाइक्लिक एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन वाष्पशील एल्डिहाइड जैसी भारी धातुएं होती है। इनका सीधा असर दिल पर पड़ता है। हुक्का पीने से फेफड़ों के रोग भी बढ़ते हैं। भविष्य में यही गंभीर बीमारियों का कारण भी बन जाता है। गृह विभाग की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया है कि हरियाणा में किसी भी होटल, रेस्टोरेंट,क्लब में तंबाकू व फ्लेवर्ड हुक्का परोसा जाता मिला तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

पकड़े जाने पर 3 साल तक की सज़ा व 5 लाख जुर्माने का प्रावधान

सरकार ने प्रदेश में हुक्का बार बंद करने के लिए कड़ा रुख अख्तियार किया है। यदि किसी भी होटल,रेस्टोरेंट या हुक्का बार में फ्लेवर्ड हुक्का पीते मिले तो पहली बार पकड़े जाने पर एक साल तक की सजा या एक लाख रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। यदि कोई भी व्यक्ति दोबारा ऐसी गलती करता मिला तो 3 साल तक की सजा या 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। Hisar News

ऐसे व्यक्ति के खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत फ्लेवर्ड तंबाकू पाए जाने पर कार्रवाई होगी। ऐसी स्थिति में निकोटीन का सैंपल लेकर ड्रग इंस्पेक्टर को कार्रवाई करने का अधिकार है तो वहीं पुलिस भी भारतीय दंड संहिता की धारा 268,269 278 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई कर सकती है। पुलिस एफआईआर दर्ज करते हुए मौके से सामान भी जप्त कर सकती है, जैसा रविवार को हिसार में किया गया है।

हुक्का बार में मिला नाबालिग तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट लगेगा

हुक्का लॉन्च में नाबालिग के मिलने पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा तब प्वाइजनस एक्ट 1919, के तहत ड्रग इंस्पेक्टर और पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर सकती है।

सभी प्रकार के तंबाकू में होता है निकोटिन, फिर ट्रेडिशनल हुक्के पर छूट क्यों?

हरियाणा सरकार के गृह विभाग ने फ्लेवर्ड हुक्के के सेवन पर प्रतिबंध लगाते हुए यह कहा है कि हुक्का स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। फ्लेवर्ड हुक्के में निकोटिन होता है, लेकिन शायद सरकार या सरकार के सरकारी अधिकारी इस बात को कैसे भूल गए की सभी प्रकार के तंबाकू में निकोटिन होता है। कोई भी ऐसा तंबाकू नहीं है, जिसमें निकोटिन नहीं होता। इस सरकारी आदेश में हरियाणवी ट्रेडिशनल हुक्का पीने पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है। जबकि सबसे ज्यादा चलन इसी ट्रेडिशनल हुक्के का है। यदि यह कहें की हुक्के के धुएं के गुबार में युवा पीढ़ी अपना जीवन बर्बाद कर रही है तो भी किसी प्रकार की कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। Hisar News

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