एफएसएसएआई के झूठे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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आरोपियों के साथ मिला हुआ था कंपनी का कोऑर्डिनेटर

  • पात्रों द्वारा शिकायत के बाद हुआ पूरे मामले का खुलासा

सच कहूँ/विकास सिंहमार, सफीदों। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के झूठे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी करके रूपए ऐठने के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की प्राथमिक जांच एएसपी नितीश अग्रवाल द्वारा की गई है। जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक कार्यालय जींद के माध्यम से सिटी थाने में भेजी गई।

एश्सोर क्वालिटी मैनजमेंट सर्टिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की पंचकुला स्थित कंपनी के डायरेक्टर जोगिंद्र चहल ने बताया कि उनकी कंपनी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की अधिकृत ट्रेनिंग पार्टनर है, जिसका काम प्रदेश में खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण देने का है। खाद्य कारोबारियों को प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है, जिनका रिकॉर्ड एफएसएसएआई की अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध है।

कंपनी ने जिला जींद के लिए जींद के गांव बुटानी निवासी प्रदीप को जिला कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था। खाद्य कारोबारियों को प्रशिक्षण देने के शुरूवाती काम को प्रदीप ने ठीक-ठाक किया, लेकिन जल्द ही उन्हें खाद्य कारोबारियों की शिकायतें प्राप्त होने लगी कि प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद उन्हें अभी तक प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। जिसकी जांच कंपनी ने अपने स्तर पर की।

जांच में सामने आया कि जींद ही नहीं अपितु चार पांच जिलों में एक गिरोह खाद्य कारोबारियों को फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर रहा है और कुछ कारोबारियों को टाल रहे हैं, जिसमें जींद जिले के कोऑर्डिनेटर प्रदीप भी शामिल था। कंपनी ने तुरंत प्रभाव से सभी कोऑर्डिनेटर को पंचकुला में कंपनी के मुख्य कार्यालय में बुलाया गया। जहां पर जांच में साबित हुआ की प्रदीप सहित अन्य आरोपियों ने झूठे प्रमाण पत्र जारी कर लाखों रुपए ऐंठने का काम किया है।

आरोपियों ने कंपनी को बताया कि उन्होंने फर्जी रशीद बुक व प्रमाण पत्र पानीपत से बनवाए थे। प्रदीप सहित अन्य आरोपियों ने कंपनी के लैपटॉप, प्रोजेक्टर, स्वच्छता किट व बिल बुक को भी अपने कब्जे में रखे हुआ है। कुछ आरोपियों ने गबन के बारे में स्वीकार भी किया और ऐंठी गई राशि को जल्द से जल्द चुकाने की बात कही लेकिन मामले की गंभीरता को समझते हुए कंपनी के डायरेक्टर जोगिंद्र चहल ने उक्त गबन की जानकारी डीजीपी हरियाणा के साथ-साथ विभिन्न जिला के पुलिस अधीक्षकों को दी।

सफीदों के सहायक पुलिस अधीक्षक नितिन अग्रवाल ने मामले के प्राथमिक जांच की और मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। सिटी पुलिस ने सफीदों के गांव बुटानी निवासी प्रदीप के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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