गहलोत ने लोक कलाकारों का योजनाओं का पूरा लाभ लेने का किया आह्वान

Ashok Gehlot
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जोधपुर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्य सरकार को कला-संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए प्रदेश में लोक कलाकारों का उनके उत्थान के लिए चलायी जा रही योजनाओं का पूरा लाभ लेने का आह्वान किया। गहलोत रविवार को जोधपुर में जयनारायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल के लोकार्पण एवं सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। Jodhpur News

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्थान की परंपरागत लोक कलाओं, संस्कृति एवं साहित्य के संरक्षण-संवर्धन एवं कलाकारों के उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा के बल पर राज्य के कलाकार आज देश-विदेश में लोकप्रिय हो रहे हैं। विजन-2030 को साकार करने में कला एवं संस्कृति की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को महापुरुषों के त्याग, बलिदान और सामाजिक उन्नयन के लिए किए गए उनके कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। कला हमारी महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर है। कलाओं का संरक्षण एवं कलाकारों को प्रोत्साहन देना राज्य सरकार का दायित्व है।

उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी स्व. जयनारायण व्यास का कला से गहरा नाता था। उन्होंने जीवन में कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। 11.50 करोड़ की लागत से नवीनीकृत इस 60 साल पुराने टाउन हॉल के द्वारा स्व. व्यास की स्मृतियों के संरक्षण के साथ-साथ कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शन के लिए एक उपयुक्त वातावरण मिल सकेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नृत्य, नाटक एवं संगीत कला को प्रोत्साहन देने के लिए जयपुर के रवीन्द्र मंच को मल्टी कल्चरल सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने राजस्थान में लोक कलाकारों से उनके उत्थान के लिए चलायी जा रही योजनाओं का पूरा लाभ लेने का आह्वान किया।

कला एवं कलाकारों को मिल रहा प्रोत्साहन | Ashok Gehlot

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार अपनी योजनाओं से लोक कलाओं के संरक्षण एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कोरोनाकाल में कलाकारों को आर्थिक संबल उपलब्ध करवाया गया। लोक कला प्रोत्साहन योजना के तहत कलाकारों को रोजगार देने, नए वाद्य यंत्रों की खरीद के लिए राशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में कला उत्सवों के आयोजन से कलाकारों को आजीविकोपार्जन में सहायता मिली है। कलाकार कल्याण कोष के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पूर्व कार्यकाल में भी कलाकारों, लेखकों एवं साहित्यकारों हेतु अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया था।

मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने इस दौरान पट्टिका का अनावरण कर टाउन हॉल का लोकार्पण एवं अवलोकन किया। कार्यक्रम में उन्होंने जय नारायण व्यास की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्री गहलोत ने इस दौरान ‘भारत का संविधान-राजस्थानी अनुवाद’ पुस्तिका का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के वर्ष 2023-24 के लिए वरिष्ठ नाट्य निर्देशन विधा में उदयपुर के भानु भारती को सर्वाेच्च रत्न से सम्मानित किया। उन्होंने शास्त्रीय विधा में

सुमन यादव, शास्त्रीय वादन वायलिन में रवि पंवार, शास्त्रीय नृत्य कत्थक विधा में श्रीमती गीता रघुवीर, लोक संगीत गायन में भूगड़े खां, लोक संगीत में श्रीमती परवीन मिर्जा, लोक नृत्य में डॉ. रूपसिंह शेखावत, लोक कला कठपुतली में खैरातीराम भाट, लोक नाट्य में दिलीप भट्ट, सुगम संगीत में रफीक सागर, नाट्य-लेखन में अशोक राही, नाट्य-अभिनय में सुश्री गीता भट्टाचार्य, नाट्य-निर्देशन में साबिर खान, नाट्य-रूप सज्जा में राधेलाल, कला समग्र साधना में शरद कुमार तैंलग को पुरस्कार से सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री (Ashok Gehlot) ने शास्त्रीय गायन विधा में सौरभ वशिष्ठ, तबला वादन में अशीष रागवानी, कथक नृत्य में सुश्री चारू शर्मा, भपंग वादन में श्री युसुफ खान मेवाती, सुगम संगीत गायन में श्री स्वागत राठौड़, रंगमंच में कविराज लईक को युवा पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने ने समारोह में पखावज वादन विधा में श्री अबीर तिवारी, शास्त्रीय गायन में श्री चैतन्य सहल, कथक नृत्य में सुश्री तनिष्का श्रीवास्तव को बाल पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए वृहद् स्तर पर कार्य कर रही है। कलाकार प्रदेश की लोक कलाओं को व्यापक पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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