घग्घर में बढ़ते जलस्तर से छोटे बांधों का टूट रहा सब्र

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जिले में तीन जगह टूटी घग्घर

शुक्रवार को जिले में तीन जगह टूटी घग्घर, ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद बांधे बांध

  • डीसी व एसपी ने घग्गर के साथ लगते कई गांवों का किया दौरा | Sirsa News
  • घग्गर के साथ लगते 49 गांवों के स्कूलों में 18 जुलाई तक रहेगा अवकाश

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। घग्घर के बढ़ते जलस्तर से अब किसानों द्वारा बनाए गए छोटे बांध जवाब देने लगे है और उनमें कटाव होना शुरू हो गया है। शुक्रवार को गांव रंगा के पास दिन में तीन बार व मल्लेवाला (Malewala) पुल के पास एक बार बांध टूट गया। बांध के टूटने के कारण घग्घर नदी के अंदर करीब 30 एकड़ फसल में जलभराव हुआ है। 20 फुट लंबाई में बांध टूटने के कारण यहां पर बांध की दरार को नहीं भरा जा सका है तथा अब बड़े बांध तक पानी पहुंच गया है। जिसके चलते ग्रामीणों व प्रशासनिक अधिकारियों की चिंता भी बढ़ रही है। जिले में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब 34 हजार क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। Sirsa News

लेकिन किसानों का मानना है कि जिले में अब 40 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। घग्घर अब खतरे के निशान से ऊपर बहने के कारण नदी के साथ लगते 49 गांवों को अलर्ट मोड़ पर रखा गया है। जिसके चलते इन गांवों में स्कूलों की छुट्टियां भी कर दी गई है। जिले से 100 किलोमीटर लंबाई में घग्घर नदी बहती है। घग्घर अब पूरी तरह से उफान पर है। रोड़ी, बडागुढ़ा, सरसा, रानियां और ऐलनाबाद के गांव घग्घर नदी के साथ लगते है। जलस्तर बढ?े के कारण आसपास के गांव वासियों व किसानों की चिंता बढ़ रही है। घग्घर की स्थिति जांचने के लिए गांव वासी और प्रशासनिक अधिकारी लगातार इसका निरीक्षण करते हुए नजर आ रहे है। Sirsa News

शुक्रवार शाम के रोड़ी और सरसा के कई गांवों के बांधों में दरारें भी आनी शुरू हो चुकी है। जिस पर किसान अपने स्तर ही उसकी देखरेख करने व दरारों वाले क्षेत्र में मिट्टी के बैग रखकर कटाव को रोकने का प्रयास कर रहे है। नदी में पेड़ और जलकुंभी के कारण बहाव भी कई क्षेत्रों में कम हो गया है। जिसके कारण उस क्षेत्र के लोगों की चिंता भी बढ़ गई है। वहीं रोड़ी क्षेत्र के गांव रंगा में पानी अधिक आने के कारण यहां पर पहले सुबह साढ़े छह बजे बांध टूट गया। बांध में करीब 10 फुट लंबी दरार आ गई। जिसके पश्चात ग्रामीणों ने वहां पर मिट्टी के बैग रखकर दरार हो भर दिया। इसके पश्चात शाम छह बजे फिर से रंगा के पास ही घग्गर के बांध में 20 फुट लंबी दरार आने से बांध टूट गया। हालांकि इससे कुछ दूरी पर बड़ा बांध होने के चलते केवल 30 एकड़ में ही नुकसान हुआ है। Sirsa News

यह है घग्गर की स्थिति | Sirsa News

स्थान                     क्यूसेक
गुहला चीका             58673
खनौरी                   ओवरफ्लो
चांदपुरा                  17500
सरदूलगढ़               34060
सरसा                    34000
ओटू                      25058
राजस्थान कैनाल,        8700
रंगोई नाला              13 हजार

हाई अलर्ट पर है जिले के 49 गांव, 18 जुलाई तक की छुट्टियां

नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण जिलाधीश एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन पार्थ गुप्ता ने 18 जुलाई तक घग्गर नदी के साथ लगते 49 गांवों में स्कूलों की छुट्टी कर दी है। हालांकि यह सभी गांव हाई अलर्ट पर रखे गए है। अगर किसी भी बांध के टूटता है तो नदी के साथ लगते गांवों में अधिक नुकसान होने की आशंका है। रोड़ी व सरसा के करीब 14 गांवों में सरकारी बांध न होने के चलते इन गांवों में स्थिति खराब होने का डर बना हुआ है। इन गांवों में अभी से ही कई स्थानों पर दरारें पड़ रही है। जिसके चलते किसान उसे मजबूत करने में लगे है।

घग्घर के साथ लगते हर गांव में तीन कर्मचारियों की रहेगी ड्यूटी, हालात पर रखेंगे निगरानी

वहीं उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने घग्गर नदी के बांधों का निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने घग्घर में संभावित बाढ़ से प्रभावित होने वाले 49 गांवों में किसी भी स्थिति पर निगरानी रखने के लिए हर गांवों में तीन-तीन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। ये सभी कर्मचारी ग्रामीणों के सहयोग से हालात पर कड़ी निगरानी रखें और कोई भी अंदेशा होने पर तुरंत संबंधित बीडीपीओ, एसडीएम या कंट्रोल रूम में सूचना दें। उन्होंने सभी अधिकारी भी फील्ड में रहकर लोकेशन मेंटेन कर निगरानी रखें। बिजली विभाग व सिंचाई विभाग आपसी तालमेल स्थापित करते हुए संवेदनशील जगहों को फॉक्स लाइट व बल्ब लगवाएं।

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किसान बोले: प्रशासन कर रहा केवल निरीक्षण, नहीं दिया जा रहा डीजल व अन्य सुविधा

वहीं गांव नेजाडेला के पास बांध को मजबूत करने के लिए किसान लगातार प्रयास कर रहे है। वहीं भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप के जिला प्रधान शिकंदर सिंह रोड़ी व भूपेंद्र सिंह वैदवाला ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी केवल निरीक्षण करने के लिए ही पहुंच रहे है और स्थिति देखकर वापस लौट रहे है। लेकिन बांधों को मजबूत करने के लिए ट्रैक्टरों के लिए डीजल व अन्य किसी भी तरह की सहायता नहीं दी जा रही है। किसान अपने स्तर पर ही राशि खचज् कर काम कर रहे है। सरकार व प्रशासन की ओर से पहले घग्गर को साफ नहीं किया गया है। जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और बांधों से भी ऊपर पानी निकलने को हो रहा है। Sirsa News

ग्रामीण संयम रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें | Sirsa News

उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा संभावित बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर सभी जरूरी पुख्ता कदम व प्रबंध किए जा रहे हैं। 24 घंटे तटबंधों की निगरानी के साथ-साथ ठीकरी पहरे लगाए जा रहे हैं। इसलिए ग्रामीण भी संयम रखें और प्रशासन का सहयोग करें। इसके साथ-साथ किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें बल्कि कोई भी अंदेशा होने पर तुरंत प्रशासन को सूचित करें।

आपदा की स्थिति के मद्देनजर फ्लड कंट्रोल रुम स्थापित, हेल्पलाइन नंबर भी जारी

जिला प्रशासन द्वारा संभावित बाढ़ व अन्य किसी भी स्थिति से निपटने के लिए फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इन सभी कंट्रोल रूम में अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटियां लगाई गई है तथा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।

जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। खतरे के निशान से ऊपर घग्गर नदी बह रही है। जल निकासी के लिए राजस्थान के सभी गेट खोले गए है। जलकुंभी निकालने और बांधों को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे है। जिले में अभी 34 हजार क्यूसेक पानी पहुंच रहा है।
                                                                               – अजीत हुड्डा, एक्सईएन, सिंचाई विभाग सरसा।

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