‘घर में ही उगाएं और खाएं जहर मुक्त सब्जियां’

'Grow at home and eat poison-free vegetables'

गमले, ड्रम व ग्रो-बैग में उगाई सब्जियां, फल और जड़ी-बूटियां

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। आज हर घर में जहर मुक्त सब्जी उत्पादन संभव है। यह कर दिखाया है भिवानी निवासी उमेद सिंह ने। जिन्होंने अपनी छत पर गमलों, ड्रम व ग्रो बैग में विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाकर अपने घर जरूरत की 75 प्रतिशत सब्जियों की मांग को घर में ही पूरा कर लिया है। भिवानी के विकास नगर निवासी उमेद सिंह ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, जो बगैर पेस्ट्रीसाईड व हानिकारक खाद के ऑर्गेनिक तरीके से घरों में ही सब्जियां उगाकर अपने घर की जरूरत की सब्जियों की मांग को पूरा कर लेना चाहते हैं।

वे अब तक अपनी घर की छत पर ऑर्गेनिक तरीके से सात किलो की पत्ता गोभी, 15 इंच लंबा खीरा, 720 ग्राम का टमाटर उगा चुके हैं। मूल रूप से बिजनेस करने वाले उमेद सिंह अपने दैनिक कार्य से एक घंटा निकालकर ऑर्गेनिक सब्जी उत्पादन की मिसाल बन गए हैं। वे ऑनलाइन तरीके से विभिन्न सोशल साईटस के माध्यम से अपने प्रशंसकों व सब्जी उगाने के इच्छुक लोगों को घर की छत पर सब्जी उगाने के टिप्स भी देते हैं।

13 साल पहले की थी शुरूआत

वर्ष 2008 से उमेद सिंह अपने घर की छत पर पुराने ड्रमों के खोल, गमलों व ग्रो बैग में हर सीजन की सब्जियां खुद उगाकर न केवल घर की सब्जी की जरूरत को पूरा करते हैं, बल्कि पड़ोसी व रिश्तेदारों तक भी सब्जियां पहुंचाते हैं। वे अपने घर की छत पर गाजर, धनिया, शिमला मिर्च, टमाटर, बैंगन, भिंडी, शलगम, खीरा, बेल वाली सब्जियां, करेला, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, पेठे का उत्पादन करते हैं।

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लोगों ने जो असंभव माना, वो करके दिखाया

उमेद सिंह ने बताया कि जब उन्होंने छत पर सब्जियां उगानी शुरू की तो बहुत से लोगों ने इसे असंभव कार्य माना, परन्तु उन्होंने कम पानी का प्रयोग करके, हानिकारक खाद व पेस्ट्रीसाईड से बचते हुए ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियों को उगाया तो उनका स्वाद व पोषण सामान्य सब्जियों से कही अधिक था। इसके बाद घर-परिवार के सदस्य भी उसे सब्जियां उगाने में सहयोग करने लगे। उमेद सिंह ने बताया कि सब्जियों के उत्पादन के अलावा वे विभिन्न प्रकार के साग व हर्बल अश्वगंधा, लिखी-बेजेल, ओरेनो, स्ट्रॉबेरी आदि भी अपनी छत पर ही उगाते हैं।

 

नारियल भूसे और रसोई के वेस्ट से बनाई खाद

वे खाद के रूप में नारियल के भूसे का अधिक प्रयोग करते हैं। इसके अलावा घर के कूड़े से डी-कंपोज हुए खाद व पशु गोबर की खाद का प्रयोग करते हैं। घर की सब्जियों व अन्य खाद वेस्ट को डी-कंपोज करके वे घर में ही ऑर्गेनिक खाद सब्जी उगाने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि नारियल के भूसे का प्रयोग करने से उनके गमलों, ग्रो बैग व ड्रम में अधिक बोझ नहीं बनता तथा छत को भी किसी प्रकार का नुकसान होने की संभावना नहीं रहती तथा पानी के भी कम प्रयोग से काम चल जाता हैं।

कीटों से बचाव का अपनाया अनोखा तरीका

उमेद सिंह का कहना है कि विभिन्न प्रकार के मौसम में रस चूसने वाले कीट सब्जियों पर आ जाते हैं, इसके लिए वे दस पर्णी अर्क का प्रयोग करते हैं, जो 10 प्रकार के कड़वे पत्तों को कूटकर उनके काढ़े से तैयार किया जाता है। जिसका छिड़काव सब्जियों के पत्तों पर करके कीटों से बचाया जाता हैं। इसके अलावा वे तीखी मिर्च, हींग, अदरक, हल्दी के काढ़े का प्रयोग भी पेस्ट्रीसाईड के रूप में करते है, जिसका कोई भी हानिकारक प्रभाव सब्जियों पर नहीं आता।

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