राज्य के हैण्डलूम उत्पादों को मिल रही विश्व स्तरीय पहचान : मुख्यमंत्री

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राज्य की जीडीपी जल्द होगी 15 लाख करोड़ रूपए | Ashok Gehlot

  • सकारात्मक नीतियों से राज्य में बढ़ रहा निवेश

जयपुर (सच कहूँ न्यूज/गुरजंट सिंह धारीवाल)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य के हैण्डलूम उत्पाद यहां की संस्कृति, विरासत और इतिहास को दर्शाते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में भी हथकरघा एवं खादी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन उत्पादों को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने और एक बेहतर मंच दिए जाने के लिए प्रदेश में इस तरह का पहली बार आयोजन किया जा रहा है। गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। Ashok Gehlot

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हथकरघा कारीगरों की आमदनी बढ़ाने तथा उनके उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में एमएसएमई नीति-2022 में यह प्रावधान किया था कि इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष किया जायेगा। इससे राज्य के हैण्डलूम उत्पादों के प्रति राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खरीददार आकर्षित होंगे। साथ ही, राज्य के हथकरघा बुनकरों व खादी के विभिन्न उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यहां देश के विभिन्न राज्यों से हस्तशिल्पी और दस्तकार अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन और विक्रय कर सकेंगे। यह आयोजन मार्केटिंग की दृष्टि से बेहतर अवसर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र के उत्पादों और उनसे जुड़े दस्तकारों के उत्थान के लिए राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति-2022 जारी की गई है। इस नीति से राज्य में हैण्डलूम क्षेत्र में लगभग 50 हजार रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साढे़ चार सालों में औद्योगिक विकास, अधिक निवेश और रोजगार व स्वरोजगार से संबंधित बेहतरीन कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम अधिनियम के तहत पंजीकरण स्वीकृतियों और निरीक्षणों से मुक्त अवधि को 3 वर्षों से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है।

राज्य की जीडीपी होगी 15 लाख करोड़ रूपए

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी तथा विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य की आर्थिक विकास दर 11.04 प्रतिशत के साथ देश में दूसरे स्थान पर है। पिछले चार सालों में प्रदेश की जीडीपी में 6 लाख करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। राज्य सरकार के उत्कृष्ट आर्थिक प्रबंधन का ही परिणाम है कि राज्य की कुल जीडीपी जल्द 15 लाख करोड़ रूपये होगी। राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में रीको औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हो रहे हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

बुनकरों के उत्थान के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि बुनकरों की आबादी में लगभग 85 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हैं। राज्य सरकार द्वारा विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना-2023 लागू की गई है। इसके अन्तर्गत महिलाओं, कामगार, हस्तशिल्पी, केश कला, माटी कला के दस्तकार और घुमन्तु वर्ग के 1 लाख युवाओं को स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग वीनू गुप्ता ने कहा कि राज्य में हथकरघा और खादी उत्पादों के लिए स्थाई मार्केटिंग की व्यवस्था के लिए सीधे क्रय करने वाली कंपनियों, बायिंग एजेंट, रिटेलर एसोसिएशन, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मार्केटिंग कंपनियों को नेशनल हैण्डलूम वीक-2023 में आमंत्रित किया गया है। इसमें 80 स्टॉल्स लगाई जा रही हैं, जिसमें 70 स्टॉल्स में राज्य के खादी और हथकरघा के उत्पादों तथा 10 स्टॉल्स में अन्य राज्य के बुनकरों के उत्कृष्ट उत्पादों का विक्रय और प्रदर्शन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल हैण्डलूम वीक के दौरान बायर-सेलर मीट, प्रदर्शनी, थीम पैवेलियन, टॉक शो, क्विज प्रतियोगिता, वर्कशॉप और सेमिनार के साथ-साथ राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में ‘फैशन शो’ का आयोजन भी किया जाएगा। National Handloom Week

समारोह में राजसिको अध्यक्ष राजीव अरोडा, राजस्थान व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश मोदी, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष बृजकिशोर शर्मा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रफीक खान, रीको चेयरमैन कुलदीप रांका, विशिष्ट शासन सचिव उद्योग एवं वाणिज्य नेहा गिरि, निवेश संवर्धन ब्यूरो आयुक्त ओमप्रकाश कसेरा, रीको के प्रबंध निदेशक सुधीर शर्मा उपस्थित रहे। Ashok Gehlot

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