टेनिस की वापसी को लेकर बेहद निराशावादी हूँ : नडाल

Rafael Nadal said: he is pessimistic - sach kahoon

मेड्रिड। राफेल नडाल ने कहा है कि उन्हें कोरोना वायरस से ठप्प पड़े पेशेवर टेनिस की पूर्ण बहाली की फिलहाल कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है और इसको लेकर वह बेहद निराशावादी हैं। विश्व के नंबर दो टेनिस खिलाड़ी ने स्पेनिश टेनिस महासंघ द्वारा आयोजित आॅनलाइन बातचीत में कहा कि मेरे नजरिए से मैं टेनिस सर्किट की सामान्य गतिविधियों के साथ वापसी को लेकर बेहद निराशावादी हूं। टेनिस में आपको हर सप्ताह यात्रा करनी पड़ती है, होटलों में रुकना पड़ता है।

अलग-अलग देशों में करना पड़ता है सफर

नडाल ने कहा कि यहां तक कि अगर दर्शकों के बिना मैच होते हैं तब भी किसी प्रतियोगिता के आयोजन में कई लोग शामिल होते है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुझे काफी गंभीर समस्या नजर आ रही है। नडाल ने कहा है, टेनिस वैश्विक खेल है।

  • हम एक से दूसरे देश जाते हैं और इसके लिए काफी लोग एक दूसरी जगह जाते हैं।
  • मुझे किसी भी टूर्नामेंट के जल्दी शुरु होने की संभावना मुश्किल दिखती है।

टेनिस अपने राजस्व के लिए दर्शकों पर अधिक निर्भर हैं

दरअसल, टेनिस टूर्नामेंट अपने राजस्व के लिए दर्शकों पर अधिक निर्भर हैं जिससे खाली स्टेडियम में इनका आयोजन काफी पेचीदा हो जाएगा। इसी साल की शुरुआत में आॅस्ट्रेलियन ओपन जीतने वाले नोवाक जोकोविक ने भी कहा है, यह आसान फैसला नहीं है। मैं खाली स्टेडियम में खेलने के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे लगता है कि हमें कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा।

लोगों को मरने से काफी दुखी हैं

  • नडाल को उम्मीद है कि पाबंदियां धीरे-धीरे खत्म की जा सकती है
  • वह इससे वाकिफ है कि विश्व भर में स्वास्थ्य को लेकर स्थिति गंभीर है।
  • पिछला डेढ़ महीना बेहद मुश्किल रहा और हमें अपूरणीय क्षति हुई।
  • आगे कई लोग अपनी नौकरी गंवा सकते हैं।
  • आप इतने सारे लोगों को मरते हुए देख रहे हैं। यह दुखद क्षण है।

कम रैंक वाले खिलाड़ियों की मदद के लिए बनाया फंड

नडाल अपने दोस्त पाऊ गसोल जो एक स्पेनिश बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं के साथ मिलकर कोरोनो वायरस की लड़ाई में धन जुटाने के लिए काम कर रहे हैं। रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच जैसे अन्य प्रमुख टेनिस खिलाड़ियों के साथ, नडाल कम रैंक वाले खिलाड़ियों की मदद करने के लिए एक फंड बनाने की योजना के प्रवर्तकों में से एक हैं जो आर्थिक रुप से पीड़ित हैं।

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