लैंगिक भेदभाव को मिटाने की चुनौती
स्त्रियों के अधिकार के प्रति हमारा समाज अब उतना रूढ़ नहीं रहा, जितना कछेक दशक पूर्व था। कुछ समस्याओं को छोड़ दें तो आज महिलाओं को आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिल रहे हैं। स्त्री-शिक्षा के व्यापक प्रसार ने स्त्रियों को अपने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के समुचित अवसर प्रदान किया है और उन्हें रूढ़िवादी विचारों से काफी सीमा तक मुक्त भी किया है।
कोरोना ने विज्ञान को कटघरे में खड़ा किया
हमें गम्भीरता से सोचना चाहिए की आखिर कोरोना का तोड़ क्यों नहीं मिल पा रहा है। यह सब तब हो रहा है जब विश्व में एक से बढ़कर एक नई आधुनिकता वाले उपकरण मौजूद है।


























