‘‘बेटा, धरती को बुरा नहीं कहते। देखना, कुछ समय लगेगा यह जमीन एक दिन तुम्हें हीरे-मोती देगी’’
सन् 1985 की बात है। उस सम...
गुरु और शिष्य
ब्राउनिंग ने कहा, ‘विचार कर्म की आत्मा है।’ विचार की पवित्रता से ही विश्व का निर्माण हुआ है, जैसा कि सृष्टि से पूर्व ईश्वर ने सोचा था कि ‘मैं एक से अनेक हो जाऊँ और फिर उसने प्रकृति की रचना की
श्रीराम और परशुराम
उनका वास्तविक स्वामी तो वह होगा जो उनकी देखभाल करे और हमेशा उनकी सेवा मेें जुटा रहे, शिष्य ने उत्तर दिया।