बादशाह की करूणा
                एक आशावादी व्यक्ति प्रत्येक स्थान पर हरी बत्ती देखता है, जबकि निराशावादी व्यक्ति स्टॉप वाली लालबत्ती देखता है, परन्तु बुद्धिमान व्यक्ति किसी रंग कि बत्ती नहीं देखता।            
            
        खुश हैं वन्य जीव और प्रकृति मुस्काने लगी
                कोरोना के कारण तालाबंदी से पिछले 33 दिनों की अवधि ने घरों में कैद मानवीय जीवन में आये बदलाव से प्रकृति को पुन: नवल रूप धारण करने का एक स्वर्णिम अवसर प्रदान किया है। संचार के तमाम संसाधनों में चित्र और समाचार प्रकाशित प्रसारित होते रहे कि अब किस प्रकार प्रकृति खिली-खिली नजर आ रही है।            
            
        क्या यह केवल बर्ड फ्लू है?
                सरकार को इस बात को समझना होगा कि सामाजिक क्षेत्र में सुधार के बिना आर्थिक सुधार अपने आप में अभिशाप बन सकते हैं क्योंकि यदि सामाजिक क्षेत्र कमजोर होगा तो पूरी प्रणाली धराशायी हो सकती है।            
            
        

























